दिल्ली एनसीआर में इन दिनों बरसात से हालात खराब हैं, हर तरफ भारी बारिश की वजह से त्राहिमाम हो रहा है. ऐसे में ऑनलाइन टैक्सी ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने लूट मचाकर लोगों को और ज्यादा परेशान कर दिया है. ओला, उबर जैसी कंपनियां बरसात में लोगों से 4 से 5 गुना ज्यादा किराया वसूल रही हैं. नोएडा के एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर तक जाने के लिए कंपनियां 500 से 700 रुपये तक के किराए की डिमांड कर रही हैं.


400 मीटर जाने का किराया 200 रुपये से ज्यादा


जब हमारे ऑफिस में एक कलीग ने 400 मीटर दूर के लिए ओला कैब बुक करनी चाही तो उनसे ओला ने 400 मीटर के लिए 219 रुपये की मांग कर दी. इतना ही नहीं, इतने सर चार्ज का कंपनी ने कोई कारण भी नहीं बताया. इसके अलावा नोएडा से हुडा सिटी सेंटर जाने के जहां 400 से 500 रुपये लगते हैं, वहां यह कंपनियां 1500 से 2000 रुपये तक किराए की वसूली कर रही हैं.



ड्रॉप पॉइंट पर पहुंच कर बदल जाता है किराया


कई बार ओला उबर में जब सवारी अपने पिकअप पॉइंट से सवार होती है तो उन्हें कम किराया दिखाकर बैठा लिया जाता है, लेकिन जैसे ही ड्रॉप पॉइंट आता है कंपनियां सरचार्ज जोड़ कर 80 से 100 रुपये ज्यादा की डिमांड करने लगती हैं, इसका विरोध करने पर ड्राइवर कई बार पैसेंजर के साथ बदतमीजी तक कर देते हैं.



बरसात में जमकर मचाते हैं लूट


यह ई-ट्रांसपोर्ट कंपनियां जैसे ओला उबर बरसात में पैसेंजर की जेब काट लेती हैं. 4 किमी के सफर के लिए 800 रुपये तक चार्ज किए जाते हैं. जब एक यूजर ने नोएडा सेक्टर 16 से नोएडा सेक्टर 75 जाने के लिए कैब बुक की तो उनसे 1080 रुपये किराए की मांग की गई. यह देखकर यूजर के होश फाख्ता हो गए.


सरकार लगाए लगाम


ओला जैसी कंपनियों की मनमानी और लुटेरे बर्ताव से लोगों में खासा रोष पैदा हो गया है. सरकार को इनके किराए को लेकर कदम उठाने चाहिए जिससे इन कंपनियों के मनमाने रवैये पर रोक लगाई जा सके. इसके अलावा किमी के हिसाब से दरें सरकार की तरफ से सुनिश्चित की जानी चाहिए. बरसात में सरचार्ज के नाम पर कंपनियों की दादागिरी किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि कंपनी IPO के लिए पैसा जुटा रही है जिसके कारण उसे ग्राहकों की जेब पर डाका डालना पड़ रहा है.


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