चेहरा इंसानों जैसा और पैर 'शुतुरमुर्ग' जैसे! इस जनजाति के लोगों की अजीब है कहानी, दूसरी जाति में नहीं कर सकते शादी
एक इंसान के आमतौर पर एक पैर में पांच उंगलियां होती हैं, लेकिन जिम्बाब्वे के उत्तरी हिस्से में स्थित कायेम्बा क्षेत्र में रहने वाले इस जनजाति के लोगों के पैर में सिर्फ दो उंगलियां हैं.
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दुनिया के हर कोने में आपको अलग-अलग तरह के प्राणी देखने को मिलेंगे. यह तो आप जानते ही हैं कि हर नस्ल, जाति, धर्म और देश के लोगों में कई तरह की असमानताएं पाई जाती हैं. अलग-अलग देशों के लोगों के चेहरे भी काफी अलग-अलग होते हैं, लेकिन शारीरिक बनावट सभी की एक जैसी होती है. फिर चाहे कोई चीन का हो या जापान का, अमेरिका का हो या भारत का. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दुनिया में एक जनजाति है, जिसकी पूरी नस्ल एक अजीबोगरीब स्थिति से गुजर रही है.
एक इंसान के आमतौर पर एक पैर में पांच उंगलियां होती हैं, लेकिन जिम्बाब्वे के उत्तरी हिस्से में स्थित कायेम्बा क्षेत्र में रहने वाले इस जनजाति के लोगों के पैर में सिर्फ दो उंगलियां हैं. वो भी इतनी बड़ी-बड़ी कि आप देखकर दंग रह जाएंगे. जिस जनजाति की हम बात कर रहे हैं, वो 'वडोमा जनजाति' है. इस जनजाति के लोगों का पूरा शरीर इंसानों की तरह है. लेकिन पैरों की बनावट बिल्कुल ऑस्ट्रिच की तरह है. पैरों की उंगलियां इतनी विशाल हैं कि ये लोग न तो जूते पहन पाते हैं और ना ही आम लोगों की तरह चल पाते हैं.
ऑस्ट्रिच की तरह क्यों होते हैं इनके पैर?
अब आप यह जानने को उत्सुक होंगे कि इनके पैरों की उंगलियां इतनी अलग क्यों हैं. आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों वडोमा जनजाति के लोगों के पैर इतने अलग होते हैं. दरअसल इस जनजाति के अधिकतर लोग एक आनुवंशिक विकार से पीड़ित हैं, जिसे 'एक्ट्रोडैक्टली' या 'ऑस्ट्रिच फूट सिंड्रोम' के नाम से जाना जाता है. रेयर डिजीज के मुताबिक, एक्ट्रोडैक्टली को स्प्लिट हैंड/फूट मालफॉर्मेशन (SHFM) भी कहा जाता है. ये बीमारी पैर की उंगलियों को प्रभावित करती है. कई बार पैरों के साथ-साथ हाथों की उंगलियां भी प्रभावित हो जाती हैं.
दूसरी जाति में नहीं कर सकते शादी
वडोमा जनजाति के लोगों में यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाती है. इस विकार की वजह से इन लोगों को जूते पहनने में काफी परेशानी होती है. इन्हें दौड़ने और चलने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. हालांकि जब बात पेड़ पर चढ़ने की आती है तो इस मामले में इनसे कोई नहीं जीत सकता. क्योंकि इस काम को वह बहुत आसानी से कर लेते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि इस जनजाति के लोगों को दूसरी जाति के लोगों से रिश्ता जोड़ने यानी शादी करने की सख्त मनाही होती है.
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