Trending News: एक कहावत है, सोने से घड़ाई महंगी पड़ना. ऐसा हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि एक रेस्टोरेंट को 25 रुपये का अचार न देने पर 35 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ा. हाल ही में एक आदेश ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. जहां अदालत ने एक रेस्टोरेंट को ग्राहक से किए वादे के मुताबिक अचार न देने पर 35000 हजार रुपये अदा करने को कहा. 


तमिलनाडु का है मामला


मामला तमिलनाडु के विल्लुपुरम का है. जहां पीड़ित ग्राहक ने बालामुरुगन होटल से 2000 रुपये का खाना ऑर्डर किया था. इस ऑर्डर में होटल ने वादा किया था कि वह 25 व्यक्तियों के हिसाब से पीड़ित को 25 ग्राम अचार देगा, जिसमें एक ग्राम अचार की कीमत एक रुपये वसूलना तय हुआ था. लेकिन होटल ने जब वादा पूरा नहीं किया तो सी अरोकियासामी नामक ग्राहक उपभोक्ता अदालत चला गया और वहां से उसने अपने मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई. जिसे लेकर अदालत ने होटल पर 35000 रुपये का जुर्माना ठोक दिया.


न तो अचार दिया और न ही बिल


होटल से ग्राहक ने जो खाना ऑर्डर किया था वह उसके किसी रिश्तेदार की पुण्यतिथि के मौके पर किया गया था. जहां उसे 25 व्यक्तियों के लिए भोजन का इंतजाम करना था. होटल ने 80 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से ग्राहक को खाना पैक किया. जिसमें सफेद चावल, सांभर, कारा कुजाम्बु, रसम, छाछ, कुट्टू, पोरियल, अप्पलम, अचार, बड़े आकार के केले के पत्ते और एक कवर शामिल करना था. लेकिन होटल इस पार्सल में अचार रखना भूल गया, जिससे शिकायतकर्ता को अपमानित और शर्मिंदा होना पड़ा. इस पर जब होटल को शिकायत की तो होटल ने अपनी गलती मानी और अचार देने का आश्वासन दिया, लेकिन तब तक शिकायतकर्ता के मेहमान खाना खा चुके थे.


क्या कहा अदालत ने


अदालत में शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि पार्सल में आचार न मिलने पर जब होटल को इससे अवगत कराया गया तो उन्होंने अपनी गलती मानी और अचार देने के लिए कहा, इस पर शिकायतकर्ता ने अचार लेने से इनकार करते हुए चुकाए गए अचार के 25 रुपये वापस मांग लिए, इस पर होटल ने 25 रुपए देने से मना कर दिया तो शिकायतकर्ता ने अपने अपमान का जुर्माना मांगा. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अचार न मिलने पर ग्राहक को मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ा है जिसके चलते 30 हजार रुपये जुर्माना और 5 हजार मुकदमा चलने के होटल को अदा करने पड़ेंगे.


अदालत ने कहा यह बिल्कुल अस्वीकार्य


आदेश में कहा गया है, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पार्सल भोजन के लिए 2000 रुपये का भुगतान प्राप्त करने के बाद, जिसमें एक्स.ए1 के अनुसार अचार की कीमत भी शामिल है , विपक्षी द्वारा 25 भोजन के लिए अचार न देने तथा 2000 रुपये के भोजन की खरीद के लिए रसीद न जारी करने का कृत्य सेवा में कमी के बराबर है. विपक्षी के कृत्य के कारण शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा, जो अस्वीकार्य है.


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