Watch: RIT के छात्रों किया कमाल, बैलों का लोड कम करने के लिए भिड़ाया देसी दिमाग
Viral Video: महाराष्ट्र के राजारामबापू प्रौद्योगिकी संस्थान (Rajarambapu Institute of Technology in Maharashtra) के छात्रों ने एक पोर्टेबल टायर बनाया है जिससे बैलों के बोझ को काफी कम किया जा सकता है
Innovative Idea For Bullock Carts: हमारा भारत (India) एक कृषि (Agriculture) प्रधान देश है. किसान (Farmer) दिन रात मेहनत करके चार पैसे कमाता है और उसकी वजह से लोगों को खाने को अनाज प्राप्त होता है. ग्रामीण भारत का एक बड़ा हिस्सा अभी भी बैलगाड़ियों (Bullock) का इस्तेमाल कृषि कार्यों हेतु करता है. बैलों (Oxes) का उपयोग अक्सर कई प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है जैसे कि खेतों की जुताई या उपजे हुए अनाज और गन्ने इत्यादि को परिवहन हेतु ढोने के लिए.
क्या है इसमें खास
महाराष्ट्र के सांगली जिले में आरटीआई के ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग विभाग (Automobile Engineering Department of RTI, Maharashtra) के अंतिम वर्ष के छात्रों ने एक ऐसा अविष्कार किया है जिसकी मदद से इन बैलों का बोझ काफी हद तक कम किया जा सकता है. इन छात्रों ने एक पोर्टेबल टायर बनाया है जिसे विभिन्न प्रकार की बैलगाड़ियों से जोड़ा जा सकता है. इस पोर्टेबल पहिए को बैलगाड़ी के आगे के हिस्से में जोड़ देने से बैलगाड़ी आसानी से आगे बढ़ती जायेगी जिससे बैलों का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा. साधारण बैलगाड़ियों को बोझ के साथ खींचने पर बैलों को ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है.
.
ये आइडिया हुआ वायरल
जानवरों की भलाई के लिए विकसित की गई इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने और पेटेंट आवेदन दाखिल करने के लिए, इन मेधावी छात्रों को 10,000 रुपये की धनराशि मिली है.
छात्रों का बनाया ये पोर्टेबल टायर पूरे सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और तेज़ी से वायरल हो रहा है. आईएएस अधिकारी ने भी इस इनोवेटिव आइडिया को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि, 'बैलों का लोड कम करने के लिए बैलगाड़ी पर लगाया गया रोलिंग स्पोर्ट'. सोशल मीडिया पर ये छात्र अपने इस बैलगाड़ी में लगने वाले पोर्टेबल पहिए (Portable tyre For Bailgadi) के आविष्कार के बाद छा गए हैं.
ये भी पढ़ें
Pakistan: पाकिस्तानी पत्रकार ने कैमरे के सामने लड़के को जड़ा थप्पड़, वायरल हुआ वीडियो
Watch: मुंह से पानी छिड़ककर कपड़ों को करता है आयरन, चौंकाने वाला वीडियो आया सामने