Mount Everest: दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है माउंट एवरेस्ट. जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है. यानी कि लगभग 29031 फीट. माउंट एवरेस्ट पर्यटन के हिसाब से भी एक काफी महत्वपूर्ण जगह है. यहां हर साल करीब 35000 लोग घूमने आते हैं. जिनमें कई लोग ट्रैकिंग करने भी आते हैं. सालाना हजार के करीब लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश करते हैं. हर साल यहां इतने लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश करते हैं. तो वह पीछे गंदगी छोड़ जाते हैं. इसी को देखते हुए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वालों के लिए एक नया फरमान जारी हुआ है. जिसे जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे.
पर्वतारोहियों को पैकेट में रख नीचे लाना होगा मल
हर साल माउंट एवरेस्ट पर काफी लोग जाते हैं. और साल दर साल यह आंकड़ा हजारों को छू जाता है. माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाले पर्वतारोही अपने सफ़र के दौरान अपना मल पहाड़ पर ही छोड़ देते हैं. और तापमान के चलते वह उसी अवस्था में पड़ा रहता है. जिससे काफी गंदगी हो जाती है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पसांग ल्हामू ग्रामीण नगर पालिका ने यह आदेश जारी किया है कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वालों को अब वहां से बैग में रखकर अपना मल वापस नीचे लाना होगा.
सुनने में यह फैसला थोड़ा अजीब जरूर लगेगा. लेकिन ग्रामीण नगर पालिका ने इसके पीछे वजह बताई है. पदाधिकारियों का कहना है कि माउंट एवरेस्ट पर काफी लोगों को मल इकट्ठा हो रहा है. जिससे वहां बदबू फैलती है और वातावरण खराब होता है. इसी को देखते हुए फैसला लिया गया है. अब नीचे बेस कैंप से ही पर्वतारोहियों को एक बैग खरीदना होगा. जिसमें वह अपना माल वापस ला सकेंगे. लौटने पर इस बैग की जांच भी की जाएगी.
लोग दे रहे हैं अजीब प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर जब इस बात की खबर फैली. तो लोगों की भी इस पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं. एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा 'अच्छा डिसीजन है अब एडवेंचर के शौकीनों में कमी आयेगी,वर्ना मुंह उठा के चल देते थे एवरेस्ट पर.' एक और यूजर ने कमेंट किया 'कल ही एडमिशन लिया था पर्वतारोही कैंप में आज नाम कटा दिया बच गया मैं.' एक और यूज़र ने मजेदार कमेंट करते हुए लिखा 'हगीस पहन कर जाओ'. एक यूजर में फैसले को सही बताते हुए कमेंट किया 'कुछ लोगों को अजीब लग रहा होगा पर यह सही फैसला है.'