यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) का आक्रमक रूख बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार को इसकी बानगी न्यूक्लियर प्लांट में देखने को मिली. जहां उसकी बमबारी से आग लग गई और बड़ा हादसा होते होते टल गया. इस बीच यूक्रेन सरकार ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना ने कई जगहों पर थर्मोबैरिक हथियारों और क्लस्टर बमों का यूज किया है. बता दें कि क्लस्टर बम अंतरराष्ट्रीय संधि में प्रतिबंधित है. वहीं थर्मोबैरिक युद्ध सामग्री जिसे वैक्यूम बम के नाम से भी जाना जाता है. यह काफी खतरनाक हो सकता है. हम आपको बता रहे हैं कि यह कितना खतरनाक होता है.


कितना खतरनाक है यह बम


यह बम इतना खतरनाक है कि इसका असर बंकर तक में पहुंच जाता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि जब इसे छोड़ा जाता है तो इसमें भरा विस्फोटक एक गोला छोड़ता है और इसके बाद यह आसपास की हवा में मौजूद ऑक्सीजन के संपर्क में आकर हाई टेंपरेचर वाले आग का गोला और एक विशाल शॉकवेव बनाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह दोनों तत्व आसपास मौजूद किसी भी जीवित प्राणी से हवा को चूस लेते हैं. क्योंकि यह आसपास हवा को सोख लेता है ऐसे में इसका असर बंकर तक में पहुंचता है और बंकर में बैठे लोग भी ऑक्सीजन कमी से तड़पने लगते हैं.


अगर चपेट में आएं तो क्या होता है   


विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह विस्फोट हो तो इसके कई असर होते हैं. लोगों को अदृश्य चोट, इंटरनल ईयर के अंग को नुकसान, फेफड़ों को नुकसान, अंधापन आदि जैसी समस्या होती है. यह बम अनावश्यक चोट और अनावश्यक पीड़ा भी दे सकता है. माना जाता है कि 1979 में रूस ने अफगानिस्तान पर हमले के दौरान इसका यूज किया था.


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