Brain Generate Electricity: एक कहावत है कि दिमाग की बत्ती गुल हो गई है क्या? इसे कुछ लोग दूसरी तरह से भी बोलते हैं कि दिमाग की बत्ती नहीं जलती क्या? ऐसे में एक सवाल मन में पैदा होता है कि क्या दिमाग से बिजली पैदा हो सकती है? साइंस ने इस विषय पर कोई जवाब तैयार किया है? देखिए, इंसानी दिमाग अपने आप में बहुत खास है. सोचने की अद्भुत क्षमता के अलावा भी इससे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो आपको सोचने पर मजबूर सकती हैं.
महान आविष्कार करने वाले हमारे दिमाग की असीम क्षमता का अंदाजा अभी तक किसी को नहीं है. हम दिमाग का पूरा इस्तेमाल भी नहीं कर पाते हैं. दिमाग से संबंधित कई खास बातें हैं, जिन्हें आप नहीं जानते होंगे. आइए जानते हैं.
क्या इंसान अपनी दिमाग से जला देगा बत्ती?
अगर इस सवाल का जवाब पूछा जाए कि क्या इंसान अपनी दिमाग से जला देगा बत्ती? कई लोग सोच में पड़ जाएंगे. दरअसल, इंसानी दिमाग 10 से 23 वाट के बराबर ऊर्जा पैदा करता है. इतनी ऊर्जा से एक छोटा बल्ब जलाया जा सकता है. दिमाग में इतनी ऊर्जा हमेशा पैदा नहीं होती है. यह खासकर तब पैदा होती है जब व्यक्ति जाग रहा होता है.
बता दें कि इंसानी दिमाग ने तमाम अनसुलझी पहेलियों को सुलझाया है जिन्हें सुलझाने में कभी उसे बहुत कम समय लगा को कभी सालों लग गए. इंसान का दिमाग अपने सोचने और विचार करने के पावर की वजह से ही तमाम पहेलियां सुलझा पाया है. आपको यह जानकारी बहुत दिलचस्प लगेगी. कई लोग अभी तक इसके बारे में जानते भी नहीं होंगे कि इंसानी दिमाग में एक दिन में 50-70 हजार तक विचार पैदा हो सकते हैं.
दिमाग में होती हैं इस खास तरह की कोशिकाएं
आपने कभी नोटिस किया हो तो याद होगा, अक्सर किसी को उबासी लेते देखकर हमें भी उबासी आ जाया करती है. इसका एक कारण दिमाग में पाई जाने वाली नकलची कोशिकाएं हैं. ये कोशिकाएं लोगों के साथ संवाद करने तथा रिश्ते बनाने में भूमिका निभाती हैं. इसके अलावा उबासी आने का एक कारण सांस लेने की गति का धीमा होना भी है, जिसकी वजह से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है.
ऐसे में ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा में आपूर्ति करने और शरीर से अतिरिक्त CO2 गैस को बाहर निकालने के लिए हमें जोर से उबासी आती है.