Trending News: डिजीटल तरीके से खोली गई मिस्र के राजा की 3,500 साल पुरानी ममी, तस्वीर हुई वायरल
Digital Unwrapping of the Mummy: शोधकर्ताओं ने मिस्त्र के राजा अमेनहोटेप प्रथम की 3500 साल पुरानी ममी को डिजीटल तरीके से खोला है. अध्ययन में पता चला कि राजा लगभग 35 साल के थे जब उनकी मृत्यु हुई.
Digital Unwrapping of the Mummy of King Amenhotep: मिस्र में एक 3500 साल पुरानी ममी के शरीर के कुछ ऐसे अनसुने राज का खुलासा हुआ है, जिसको जानकर शोधकर्ता भी हैरान हैं. दुनिया के शोधकर्ताओं ने 3500 साल पुरानी एक ममी के शरीर को खोला है और डिजिटल स्कैनिंग तकनीक के माध्यम से उसका अध्ययन किया है. शोधकर्ताओं ने इस ममी के अवशेषों की जांच की है और राजा के जन्म से लेकर मौत तक की सारी डिटेल्स की जानकारी हासिल की है. आपको बता दें कि यह ममी मिस्त्र के राजा अमेनहोटेप प्रथम की है.
ममी की अच्छी हालत देख शोधकर्ता हैं हैरान
राजा अमेनहोटेप प्रथम की ममी उन ममियों में से है जिन्हें आधुनिक समय में खोला गया है. 3डी कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैनिंग तकनीक का उपयोग कर इसका अध्ययन किया गया. जिसमें उसके साथ दफनाए गए कीमती गहनों का पता चला है. अमेनहोटेप प्रथम 18वें राजवंश का दूसरा राजा था और अपने पिता अहमोस प्रथम की मृत्यु के बाद राजा बना था. उसने 1525 और 1504 ईसा पूर्व के बीच लगभग 21 वर्षों तक शासन किया. काहिरा विश्वविद्यालय में मेडिकल डिपार्टमेंट में रेडियोलॉजी की प्रोफेसर सहर सलीम उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने डिजिटल रूप से अमेनहोटेप प्रथम के ममी को खोला है. सहर सलीम ने बताया, 'हमने देखा कि अमेनहोटेप प्रथम लगभग 35 वर्ष का था जब उसकी मृत्यु हो गई. वो लगभग 169 cm लंबा (5फीट 6इंच) था. उसका खतना हुआ था और उसके दांत भी काफी अच्छे थे'. सहर ने आगे बताया कि- 'ममी की हालत इतनी अच्छी है कि उसे देखकर हैरानी होती है. उनके कान की छोटी हड्डियां और दांत सुरक्षित थे'. हालांकि शोधकर्ताओं की टीम इस बात का पता लगा रही है कि राजा की मौत कैसे हुई लेकिन इसमें उन्हें अभी तक सफलता नहीं मिली है. ममी के शरीर पर न तो कोई घाव मिला है न ही किसी बीमारी के सबूत मिले है.
यह भी पढ़ें: Trending News: मेडिकल साइंस का अनोखा कारनामा, चोंच टूटने पर तोते को लगाई टाइटेनियम की 3D चोंच
पहले भी निकाली जा चुकी है राजा की ममी
शोधकर्ताओं की मानें तो डिकोडेड चित्रलिपि से पता लगता है कि अमेनहोटेप को 11वीं शताब्दी ईसा पूर्व में 21 वीं राजवंश के दौरान ममी से निकाला गया था. मकबरे के लुटेरों ने अमेनहोटेप की ममी को नुकसान पहुंचाया था जिसकी मरम्मत के लिए पुजारियों ने इसे बाहर निकाला था. हालांकि यह भी कहा जा रहा था कि अमेनहोटेप प्रथम के साथ दफनाए गए कीमती गहनों के लिए ममी को खोला गया था लेकिन इस अध्ययन के निष्कर्ष के बाद सामने आया कि पुजारियों के इरादे अच्छे थे उन्होंने ममी की मरम्मत कर कीमती आभूषणों और गहनों को वही संरक्षित कर दिया.