पूरे भारत में होली बहुत उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है. इस साल 17 मार्च को होलिका दहन और 18 मार्च को धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा. वहीं, महाराष्ट्र के एक गांव में एक विचित्र होली परंपरा है जो 90 से अधिक सालों से चली आ रही है.
महाराष्ट्र के बीड जिले एक गांव में "नवीनतम दामाद" को गधे की सवारी और अपनी पसंद के कपड़े मिलते हैं. जिले की केज तहसील के विदा गांव में इस रस्म का पालन किया जाता है. पहले गांव के नए दामाद की पहचान की जाती है और फिर उस पर नजर रखी जाती है जिससे ये सुनिश्चित किया जाए कि वो होली के दिन लापता ना हो और वो गधे की सवारी को ना छोड़े.
जानकारी के मुताबिक, परंपरा की शुरुआत आनंदराव देशमुख नाम के एक निवासी ने की थी जिसे ग्रामीणों द्वारा बहुत सम्मान दिया जाता था. इसकी शुरुआत आनंदराव के दामाद से हुई थी और तब से सालो साल बाद भी जारी है. बताया जाता है कि ये गधे की सवारी गांव के बीच से शुरू होती है और 11 बजे हनुमान मंदिर पर समाप्त होती है. इस मौके पर गांव के चुने हुए दामाद को उसकी पसंद के कपड़े दिए जाते हैं.
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