तुर्किए की संसद बनी जंग का मैदान, पक्ष विपक्ष में जमकर चले लात घूसे, देखें वायरल वीडियो
संसदीय उथल-पुथल तब शुरू हुई जब सत्तारूढ़ न्याय और विकास पार्टी (एकेपी) के सदस्य अल्पाय ओजालान ने तुर्किए की वामपंथी वर्कर्स पार्टी (टीआईपी) के सदस्य अहमत शिक पर हमला बोल दिया.
Trending Video: तुर्किए की संसद में शुक्रवार को दर्जनों सांसदों के बीच हाथापाई हो गई, क्योंकि वे जेल में बंद एक विपक्षी सांसद से इस साल संसदीय छूट छीन लिए जाने के मुद्दे पर बहस कर रहे थे. 30 मिनट तक चले हंगामे में कम से कम दो सांसद घायल हो गए, जिसके कारण संसद की की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. आखिरकार, प्रतिनिधि मतदान के लिए वापस लौटे, जिसमें वकील और अधिकार कार्यकर्ता कैन अटाले के संसदीय जनादेश को बहाल करने के विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. अटाले ने पिछले वर्ष जेल से ही चुनाव प्रचार करके अपनी सीट जीती थी.
पक्ष विपक्ष के सांसदों में जमकर चले लात घूसे
संसदीय उथल-पुथल तब शुरू हुई जब सत्तारूढ़ न्याय और विकास पार्टी (एकेपी) के सदस्य अल्पाय ओजालान ने तुर्किए की वामपंथी वर्कर्स पार्टी (टीआईपी) के सदस्य अहमत शिक पर हमला बोल दिया, जिन्होंने अताले के साथ सरकार के व्यवहार की जमकर निंदा की थी. आपको बता दें कि जेल में होने के बावजूद अताले को मई 2023 में सांसद चुना गया था. इसके बाद संसद ने अताले की सदस्यता को रद्द कर दिया था, लेकिन 1 अगस्त को संवैधानिक न्यायालय ने उनकी सदस्यता को रद्द करने के फैसले को अमान्य घोषित कर दिया था. इसके बाद से ही अताले की वापसी के लिए विपक्षी दल संसद में हंगामा करने लगा, जिसे लेकर सांसदों के बीच हाथापाई हो गई.
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Kalesh brokeout in Turkish Parliament yesterday b/w MPs of Erdogan’s party and Kurdish MPs
— Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) August 17, 2024
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बहस बढ़ते बढते खूनी हिंसा तक जा पहुंची
वर्कर्स पार्टी ऑफ तुर्किए (TIP) के सदस्य अहमत सिक ने अपने सहयोगी कैन अटाले की रिहाई की मांग की और एक भाषण के दौरान सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'हमें आश्चर्य नहीं है कि आप कैन अताले को आतंकी कहते हैं, आप हर उस व्यक्ति को आतंकी कहते हैं जो आपका पक्ष नहीं लेता. इसके बाद संसद में हंगामा मच गया, भाषण से शुरु हुई बहस हिंसा तक आ पहुंची. कई सांसदों की सफेद दाढ़ी पर घून के निशान लगे हुए थे.
2013 के एक मामले में 2022 में हुई थी 18 साल की सजा
2013 में कथित तौर पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के जरिए सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश के आरोप में अटाले को 2022 में 18 साल की सजा सुनाई थी. सोशल वर्कर उस्मान कावला समेत छह अन्य पर भी साजिश में होने का आरोप लगा. सभी इन आरोपों से इनकार करते हैं.
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