हैदराबाद में ऑनलाइन टैक्सी कंपनी उबर ने अपने कर्मचारी को उसका चेहरा फेस स्कैनर पर मैच ना होने के चलते नौकरी से निकाल दिया है. इस उबर ड्राइवर का नाम श्रीकांत है जिसने तिरुपति बालाजी में अपने बालों का दान अच्छे भविष्य की कामना के चलते किया था, लेकिन उसको बालों को दान करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. दरअसल जब श्रीकांत अपने ऑफिस गया तब फेस स्कैनर मशीन ने उसका चेहरा पहचानने से इंकार कर दिया और इस वजह से उसको नौकरी से निकाल दिया गया. जिसके बाद से अब तक 1 महीना हो चुका है और श्रीकांत के पास कोई नौकरी नहीं है. श्रीकांत ने उबर कंपनी पर मदद ना करने का आरोप लगाया है और बताया है कि उन्होंने बाल दान देने से पहले और बाद के सब दस्तावेज कंपनी को दिए हुए हैं फिर भी कंपनी उनकी मदद नहीं कर रही है और ना नौकरी से निकालने की कोई ठोस वजह बता रही है.
श्रीकांत 1.5 साल से कर रहा था नौकरी
श्रीकांत ने बताया कि वो पिछले 1.5 साल से उबर ड्राइवर की नौकरी कर रहे थे और उनका पूरा परिवार उन पर निर्भर है इसलिए अब बिना नौकरी को उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है. श्रीकांत ने कहा कि वो 2019 में उबर में शामिल हुए थे और अब तक उन्होंने लगभग 1428 यात्राएं पूरी की हैं और उसे 4.67 स्टार रेटिंग भी मिली है.
वायरल हुई श्रीकांत की कहानी
इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप आधारित ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के महासचिव शैक सलाउद्दीन ने श्रीकांत की आपबीती को सोशल मीडिया पर शेयर किया. जो वायरल हो रही है. तेलंगाना फोर व्हीलर ड्राइवर संघ की ओर से जारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलाउद्दीन ने कहा कि ऐसे सिस्टम बनाने की जरूरत है जो अपनी तकनीकी खराबी के लिए अपने कर्मचारियों को नौकरी से ना निकाले बल्कि खराबी को दूर करने की कोशिश करें.
उबर के अधिकारी का बयान
उबर के अधिकारी ने बताया कि फेशियल रिकग्निशन टूल किसी व्यक्ति की शक्ल में प्राकृतिक बदलावों का पता लगाने में सक्षम है, जैसे लंबे या कटे हुए बाल का पता वो लगा सकता है. साथ ही कहा अगर ड्राइवरों को सेल्फी प्रक्रिया में कोई तकनीकी समस्या आती है और वो लॉगिंग में नहीं कर पाते हैं तो वो उबर साथी सेवा केंद्र पर मदद के लिए जा सकते हैं.
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