University fired lady teacher: अक्सर ही ऐसी खबरें सुनने को मिलती है जिनमें किसी कारण से या बिना कारण के भी टीचर को स्कूल या यूनिवर्सिटी से निकाल दिया जाता है. कभी बच्चों के साथ गलत व्यवहार को लेकर तो कभी अन्य किसी कारण से टीचर को स्कूल या यूनिवर्सिटी से बाहर कर देते हैं. ऐसा ही एक मामला ब्रिटेन का सामने आया है जहां एक महिला टीचर को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया है. यूनिवर्सिटी ने टीचर को निकालने का जो कारण बताया उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे.


दरअसल, तेज आवाज के कारण महिला टीचर को बाहर किया गया था. हालांकि महिला ने मामले में कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन को महिला को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की बात कही है.


चिल्लाकर पढ़ाने पर यूनिवर्सिटी ने टीचर को निकाला
ब्रिटेन की एक्सेटर यूनिवर्सिटी ने एक महिला टीचर को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया. टीचर को निकालने का जो कारण यूनिवर्सिटी ने बताया वो बेहद चौंकाने वाला है. उसे कारण बताया गया कि वह बहुत ही चिल्लाकर पढ़ाती है इसलिए उसे नौकरी से निकाल दिया गया है. द मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिला टीचर का नाम एनेट प्लॉट है. महिला 59 साल की है और पिछले 29 साल से फिजिक्स पढ़ाती थी. लेकिन यूनिवर्सिटी ने अचानक ही उसे नौकरी से निकाल दिया गया और कहा कि उसकी आवाज काफी तेज है और नए छात्रों को यह महिला पसंद नहीं आ रही है. 


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मामले को लेकर महिला पहुंची कोर्ट
यूनिवर्सिटी से निकाले जाने के बाद महिला मामले को लेकर कोर्ट पहुंच गई और अपना पक्ष रखा. महिला ने कहा, 'उसकी आवाज कुदरती तौर पर बहुत तेज है और वे नहीं समझ पातीं कि कब वो ज्यादा लाउड हो जाती हैं.' यह महिला न्यूयॉर्क और जर्मनी में भी पढ़ा चुकी है. महिला ने कहा कि हाल ही में वे तनाव से निपटने की दवाएं ले रही थीं क्योंकि उन्हें पहले भी दो बार सस्पेंड किया जा चुका था. वे हर हाल में अपनी नौकरी वापस पाना चाहती हैं. 


हालांकि कोर्ट में यूनिवर्सिटी ने अपना पक्ष बदल दिया और कहा कि उन्होंने टीचर को तेज आवाज की वजह से नहीं बल्कि पीएचडी के दो छात्रों के साथ बुरा बर्ताव करने की वजह से निकाला है. दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में यूनिवर्सिटी को फटकार भी लगाई और अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को महिला को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की बात कही.