यूपी के शख्स ने जलाए अपने एजुकेशनल सर्टिफिकेट, बीजेपी के सत्ता में वापस आने को बताई वजह
कंप्यूटर सेंटर चलाने वाले शीलरतन बोध ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि अखिलेश यादव सरकार बनाएंगे और मुझे नौकरी मिलेगी. लेकिन बीजेपी सत्ता में लौट आई.
उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 में एक बार फिर से बीजेपी ने बाजी मारी है. जिसके बाद एक हैरान करने वाला मामला भी सामने आया है. दरअसल, एक 32 वर्षीय व्यक्ति ने मैनपुरी जिले के करहल शहर क्षेत्र में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र जला दिए. दरअसल व्यक्ति ने पहले कहा था कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उसे नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं है.
कंप्यूटर सेंटर चलाने वाले शीलरतन बोध ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि अखिलेश यादव सरकार बनाएंगे और मुझे नौकरी मिलेगी. लेकिन बीजेपी सत्ता में लौट आई. उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में वह अधिक उम्र के हो जाएंगे और सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव परिणामों से परेशान था और हताशा में मैंने अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र जला दिए हैं.
पैर हो गए थे क्षतिग्रस्त
पिछले कुछ वर्षों से बोध करहल प्रखंड कार्यालय के सामने स्थित अपने कंप्यूटर सेंटर में नौकरी एवं प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को सेवा प्रदान कर रहे हैं. वह स्टेशनरी भी बेचते हैं. उन्होंने कहा क 2011 में एक सड़क दुर्घटना में मेरे दोनों पैर क्षतिग्रस्त हो गए थे. मुझे ठीक होने में चार साल से अधिक का समय लगा. अन्यथा, मैं 2012-2017 तक अखिलेश यादव सरकार के दौरान सरकारी नौकरी हासिल कर लेता.
उन्हें अपने 26 वर्षीय स्नातक भाई की भी चिंता है, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहा है. उनके पिता करहल में होम्योपैथी मेडिसिन सेंटर चलाते हैं. दोनों भाई अविवाहित हैं. यह पूछे जाने पर कि समाजवादी पार्टी राज्य में सरकार बनाने में विफल क्यों रही, बोध ने कहा कि मैं सटीक कारण नहीं बता सकता लेकिन मुझे लगता है कि पार्टी को लोगों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को इलेक्शन मोड में बने रहने की जरूरत है. उन्हें उम्मीद है कि 2027 में सपा सत्ता में आएगी, ताकि उनके छोटे भाई और उनके जैसे अन्य लोगों को सरकारी नौकरी मिल सके.
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