सोशल मीडिया और इंटरनेट के दौर में हेलीकॉप्टर से विदाई का चलन काफी बढ़ गया है. अब शहरों में शादियों में दुल्हन को ससुराल ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना आम बात बन गई है. लेकिन फिलहाल जो हेलीकॉप्टर से विदाई का मामला सामने आया है वो एक गांव का है. साथ ही हेलीकॉप्टर से विदाई करने का कारण काफी खास है. गांव में जहां पर गाय-भैंस चरती हैं वहीं पर हेलीकॉप्टर को उतारकर दुल्हन को ससुराल ले जाया गया है. इसी के साथ गांव में हेलीकॉप्टर से दुल्हन आने को लेकर ग्रामीणों में भी खुशी देखने को मिली. गांव वालों ने घंटों तक मैदान में खड़े होकर हेलीकॉप्टर को निहारा. सुरक्षा के लिहाज से हेलीकॉप्टर के चारों तरफ पुलिस द्वारा बेरिकैडिंग भी की गई.


बता दें कि वैर विधानसभा की गांगरोली पंचायत के प्रेमनगर गांव के एक किसान दिनेश चंद सैनी की बेटी खुशबू की शादी सवाई माधोपुर के नादौती तहसील के कैमरी के रहने वाले विजेंद्र सैनी से हुई. दूल्हा अपनी दुलहन को लेने के लिए हेलीकॉप्टर से आया. हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद वो सीधा दुल्हन के घर पहुंचा. जहां शादी की रस्में पूरी की गईं, फिर दूल्हा अपनी दुल्हन को हेलीकॉप्टर में बैठा कर ससुराल ले गया. 



जानकारी के मुताबिक करौली के कैमरी गांव के रहने वाले दूल्हे के पिता राधेश्याम सैनी पेशे से ठेकेदार हैं. उन्होंने दुल्हन को हेलीकॉप्टर से लाने के पीछे का कारण बताया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले वो अपने परिवार के बच्चे के साथ हेलीकॉप्टर से खेल रहे थे. तभी गांव का एक व्यक्ति वहां आकर उनसे तंज कसते हुए कहता है कि राधेश्याम हेलीकॉप्टर से खेलते ही रहोगे या अपने बेटे की बहू को लाने के लिए भी हेलीकॉप्टर भेजोगे. 


राधेश्याम ने आगे बताया कि हमारे गांव की सड़क बहुत खराब है. ऐसे में जब से हमारे बेटे की शादी तय हुई है. तब से कोई ना कोई हेलीकॉप्टर से दुल्हन लाने संबंधित ताना मारता रहता था. इसलिए परिवार ने सोचा कि कितना भी पैसा खर्च हो लेकिन दुल्हन को तो हेलीकॉप्टर से ही लेकर आएंगे. बता दें कि हेलीकॉप्टर से दुल्हन लाने के लिए परिवार ने 7 लाख दस हजार रुपये खर्च किए हैं. 


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