पाकिस्तान में एक शादी के दौरान हक मेहर का अनोखा मामला सामने आया है. यह मामला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके के मरदान शहर का है, जहां 14 मार्च को हुए निकाह में दुल्हन नायला शमल साफी ने हक मेहर में सोना, चांदी या तोहफे न मांगकर एक लाख रुपये की किताबें मांग ली.
पाकिस्तान की युवा लेखिका नायला ने शादी का लाल जोड़ा पहनकर एक वीडियो संदेश बनाया है और बताया कि वो हक मेहर में किताबें क्यों मांग रही हैं. नायला ने इसमें कहा हैं कि हमें समाज से इस तरह की कुप्रथाओं को खत्म करने की जरुरत है. नायला का यह अंदाज सोशल मीडिया पर खूब सूर्खियां बटोर रहा है. लोग इस बात के लिए उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं और उन्हें 'ट्रेंड सेटर' बता रहे हैं.
क्या कहा नायला ने अपने वीडियो में
युवा लेखिका नायला अपने इस वीडियो में कहती हैं, "जैसा की आप सबको पता है, मैंने हक मेहर में एक लाख रुपए की किताबें मांगी हैं. इसका एक कारण हमारे देश में बढ़ती हुयी महंगाई है, जिसके चलते महंगे तोहफे मांगना सही नहीं है. साथ ही हमें अपने समाज से ऐसी कुप्रथाओं को समाप्त करने की भी जरुरत है." साथ ही उन्होंने अपने वीडियो में कहा, "अगर मैं एक लेखिका होते हुए भी, किताबों के महत्व को नहीं समझूंगी, तो हम ऐसे में आम लोगों से भी इसकी उम्मीद नहीं कर पाएंगे." नायला ने कहा कि, ऐसा करके वो अन्य लोगों को भी इस बदलाव के लिए प्रेरित करना चाहती हैं.
क्या होता है हक मेहर
निकाह की प्रचलित रस्म के मुताबिक हक मेहर एक निर्धारित राशि होती है जो मुस्लिम मर्द अपने निकाह के बदले में अपनी पत्नी को देता है या देने का वादा करता है. नायला के सामने जब निकाहनामा पेश किया गया और उनसे पूछा गया कि मेहर में उन्हें क्या और कितना चाहिए तो उन्होंने एक लाख रुपये की किताबें मांग लीं. नायला के कहने पर दूल्हा पक्ष ने उसकी यह बात मान ली और निकाहनामे में हक मेहर की जगह एक लाख रुपये की किताबें लिखी गईं.
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