इंसानों और जानवरों के बीच आमतौर पर कोई कनेक्शन नहीं दिखता, लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जो आपको हैरान कर देंगे. फिलहाल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश बॉर्डर के एक गांव का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नजर आता है कि यहां आवाज देते ही भालू खिंचे चले आते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इसके बाद भालू क्या करते हैं. 


यह है पूरा मसला


दरअसल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर एमसीबी जिले के भरतपुर ब्लॉक में उचेहरा गांव है. यहां इंसान और भालू के बीच अनोखा प्रेम देखने को मिल रहा है. बता दें कि यहां भालू का पूरा परिवार एक बाबा की कुटिया में रोजाना प्रसाद खाने आता है. बात ऐसी है कि घने जंगलों के बीच बसे राजामाड़ा में एक बाबा पूजा-पाठ करते  हैं. यहां उनकी कुटिया भी है. 


रोजाना आता है भालू का परिवार


बाबा की इसी कुटिया में रोजाना भालू का पूरा परिवार आता है. कभी दो तो कभी तीन भालू एक साथ पहुंच जाते हैं. बाबा इन्हें बड़े प्रेम से प्रसाद खिलाते हैं. आलम यह है कि इन भालुओं को देखने के लिए अब काफी लोग पहुंचने लगे हैं. गौर करने वाली बात है कि आमतौर पर लोग भालू से डरते हैं, लेकिन बाबा इन भालू को अपने हाथों से ही प्रसाद और भोजन खिलाते हैं.






बाबा की आवाज पर चले आते हैं भालू


बाबा के साथ इसी कुटिया में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला की आवाज सुनकर भालू खिंचे चले आते हैं. इन भालुओं को बाबा प्यार से सीताराम चुन्नू मुन्नू के नाम से पुकारते हैं. खास बात यह है कि बाबा की आवाज भी भालू पहचानते हैं और उसे सुनकर तुरंत कुटिया के पास चले आते हैं. भालू का परिवार प्रसाद और भोजन खाने के बाद दोबारा जंगल में चला जाता है. 


पांच साल से चल रहा यह सिलसिला


बता दें कि बाबा और भालू का यह रिश्ता करीब पांच साल से बरकरार है. जब भालू यहां पर पहुंचते हैं तो बाबा उन्हें प्रसाद और पानी पिलाते हैं. हैरानी की बात यह है कि जब बाबा शाम को पूजा करते हैं तो भालू बकायदा कथा पूजा सुनते हैं. गौरतलब है कि इसी तरह मनेंद्रगढ़ जिले के जनकपुर में चांग देवी मंदिर में भी माता के दर्शन करने के लिए भालू पहुंचते हैं और प्रसाद खाकर वापस चले जाते हैं. (इनपुट: जेपी त्रिपाठी)


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