Viral Video: पीछा कर रही भीड़ से डर कर भागा हाथी, विचलित करने वाले वीडियो की हो रही आलोचना
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक हाथी के पीछे भीड़ चिल्लाते हुए दौड रही है, वहीं बेजुबानी हाथी लोगों से डरा हुआ तेजी से भागता नजर आ रहा है. इस वीडियो की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना की जा रही है.
सोशल मीडिया पर यूं तो जानवरों के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं जो काफी एंटरटेनिंग भी होते है. लेकिन कुछ वीडियो ऐसे भी होते हैं जिन्हें देखकर मन विचलित हो जाता है. ऐसा ही एक हाथी का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भीड़ एक हाथी के पीछे चिल्लाते हुए भाग रही है और हाथी लोगों से बचने के लिए तेजी से बेतहाशा भाग रहा है. भारतीय वन सेवा अधिकारी सुधा रामेन ने मानव-पशु संघर्ष के मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए ट्विटर पर इस विचलित करने वाले वीडियो को शेयर किया है और इस घटना पर चिंता भी जाहिर की है.
वायरल वीडियो की सोशल मीडिया पर हो रही निंदा
वीडियो शेयर करने के साथ ही सुधा रामेन ने कैप्शन में लिखा है- शब्द नहीं है!! हैरानी हो रही है कि यहां कौन जानवर है. बता दें कि इस वीडियो को अब तक 7 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. वहीं 143 लोगों द्वारा इसे ट्वीट और 435 ने लाइक किया है. हाथी के पीछे भाग रही भीड़ की इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और काफी निंदा भी कर रहे हैं.
No words!! Wondering who is the animal here ???? pic.twitter.com/LAcY276HdX
— Sudha Ramen IFS ???????? (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
एक यूजर ने लिखा है, शर्म करो, सिर्फ अपने मजाक के लिए एक बेजुबान हाथी को परेशान कर रहे हैं. वहीं एक अन्य यूजर ने इसे पशु क्रूरता बताया है. बता दें कि इस वीडियो को स्थानीय लोगों के एक समूह ने रिकॉर्ड किया था. इसके बैकग्राउंड में लोगों के हंसने की आवाजें भी आ रही हैं.
जानवर भी समान रूप से तनाव में है
वहीं वीडियो शेयर करने वाली सुधा रामेन ने अपने ट्विटर थ्रेड में कहा है कि देश भर में वन विभाग लोगों को शिक्षित करने और मानव-पशु संघर्ष के मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहे हैं. वह लिखती हैं कि हर मामला अलग है और कोई 'एक-समाधान' नहीं है.
Across India, the forest department has been working hard to address this issue. Let me tell you, each case is different and there is no 'one-solution'. Anthropogenic pressure is mounting up over d forests & wildlife, so the animals are equally the same stress. Awareness is d key
— Sudha Ramen IFS ???????? (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
रामेन लिखती हैं कि मानव जाति का दबाव घने जंगलों और वन्यजीवों पर बढ़ रहा है, इसलिए जानवर समान रूप से तनाव में हैं. इसलिए इस समस्या का हल जागरूकता ही हो सकता है.
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