Viral Video: सोशल मीडिया पर बंदरों के बच्चे को टॉर्चर करने के वीडियो सामने आए हैं. अब पता चला है कि इन वीडियो को बनाने के लिए एक ग्रुप के जरिए पैसा दिया जा रहा था. इस ग्रुप के एक लीडर की पहचान हुई है, जो कि एक महिला है. अधिकारियों ने इस महिला को गिरफ्तार कर लिया है. अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इंवेस्टिगेशन (HSI) के मुताबिक, महिला का कहना है कि वह बंदरों के बच्चों के साथ होने वाले टॉर्चर को जब देखती थी, तो उसे बहुत मजा आता था. वह टॉर्चर के वीडियो को देखकर राहत महसूस किया करती थी.


महिला का नाम निकोल डेनिएल डेविलबिस है, जो फ्लोरिडा की रहने वाली है. HSI ने निकोल की पहचान एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'टेलीग्राम' पर मौजूद एक ग्रुप के 6 एडमिनिस्ट्रेटर में से एक के तौर पर की है. ये ग्रुप बंदरों को प्रताड़ित करने वाला वीडियो डिस्ट्रीब्यूट करता था. अभियोजकों द्वारा दायर की गई शिकायत के मुताबिक टेलीग्राम ग्रुप में कुल 60 मेंबर्स थे, जो बंदरों को चूहा कहकर बुलाते थे और तो और जानवरों पर होने वाले अत्याचारों को लेकर चर्चा किया करते थे.


बंदरों को बुरी तरह किया गया प्रताड़ित


ग्रुप पर शेयर किए गए वीडियोज़ में बंदरों को बुरी तरह से प्रताड़ित होते देखा गया. उनपर उबलता हुआ पानी डाला गया. बेरहमी से पीटा गया. जबरन मुंह बंद किया गया. उनके गुप्तांग, उंगलियों और पूंछ को काट दिया गया. 35 साल की निकोल पर जानवरों को प्रताड़ित करने का वीडियो शूट करने और डिस्ट्रीब्यूट करने की साजिश रचने का आरोप मढ़ा गया है. HSI एजेंट और लॉ इन्फोर्समेंट ऑफिसर ने डेविलबिस के घर की तलाशी ली थी. एक हलफनामे के मुताबिक, डेविलबिस ने यह बात कबूल की है कि वो टेलीग्राम के कई सारे ग्रुप में शामिल थी, जिसमें बंदरों को प्रताड़ित करने से जुड़ी वीडियो शेयर की जाती थीं. बता दें कि डेविलबिस को अधिकतम 5 साल तक की सजा हो सकती है.


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