अचानक गुलाबी हो गया आसमान! किसी ने कहा 'प्रलय का संकेत'...तो किसी ने बताया 'दुनिया का अंत', आखिर क्या है असली रहस्य?
यह घटना गुरुवार की है, जब सुबह 5-6 बजे के बीच आसमान का रंग बदलकर गुलाबी हो गया. इसकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखने के बाद लोग दंग रह गए हैं.
इंग्लैंड के केंट में भोर के वक्त आसमान का रंग गुलाबी हो गया. आसमान गुलाबी होने से लोगों के बीच अलग-अलग बातों को लेकर डर पैदा हो गया. किसी को लगा कि ये दुनिया के खत्म होने के संकेत हैं तो किसी को लगा कि शायद ये विदेशी आक्रमण या प्रलय का संकेत है. दरअसल यह घटना गुरुवार की है, जब सुबह 5-6 बजे के बीच आसमान का रंग बदलकर गुलाबी हो गया. इसकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखने के बाद लोग दंग रह गए हैं. हर कोई यह सोचने को मजबूर था कि आखिर इस गुलाबी आसमान के पीछे का कारण क्या है. आखिर ये अलौकिक दृश्य है क्या?
जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, वो वेस्टगेट के बेंथनी में स्थित एक बार और कैफे से ली गई हैं. इन तस्वीरों में आसमान का रंग रहस्यमय ढंग से गुलाबी नजर आ रहा है. पहले तो लोगों ने इसे प्रलय, दुनिया के अंत और विदेशी आक्रमण का संकेत बताया. हालांकि इस गुलाबी रंग के पीछे इनमें से कोई वजह नहीं थी. दरअसल आसमान में फैली ये गुलाबी रोशनी 40 करोड़ टमाटर उगाने वाली एक कृषि कंपनी द्वारा प्रज्वलित की गई थी. ये एक आर्टिफिशियल लाइट थी, जिसके जलने पर आसमान का रंग गुलाबी हो गया था.
कब होता है आर्टिफिशियल लाइट्स का यूज़?
इस फैक्ट्री का नाम 'थानेट अर्थ' है, जो एक बड़ी इंडस्ट्रीयल फैक्ट्री है. ये फैक्ट्री 220 हेक्टेयर या कहें 90 एकड़ में फैली हुई है. इसे ब्रिटेन का सबसे बड़ा ग्रीनहाउस कॉम्पलैक्स भी कहा जाता है. 'थानेट अर्थ' के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि आर्टिफिशियल लाइट का रिफ्लेक्शन कुछ विशेष मौसमों में होता है, खासकर तब जब थानेट एरिया में बादल छाए रहते हैं. जब ये आर्टिफिशियल लाइट्स जलाई जाती हैं, तो हम इस रोशनी को कम करने के लिए कांच पर पर्दा डाल देते हैं. 'थानेट अर्थ' में जिन गुलाबी LED लाइट्स का इस्तेमाल किया जाता है, उनका एमिशन लेवल बाकी लाइट्स के मुकाबले काफी कम होता है.
क्यों होता है कृत्रिम विकल्पों का इस्तेमाल?
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के कुछ ग्रीनहाउस कॉम्पलैक्स ईस्ट केंट में मौजूद हैं. अनुमान है कि इन बड़े-बड़े ग्लासहाउस से हर वर्ष 40 करोड़ टमाटर, 3 करोड़ खीरे और 2 करोड़ से ज्यादा मिर्च का उत्पादन किया जाता है. इतने बड़े परिसर के लिए ये जगह इसलिए चुनी गई क्योंकि यहां काफी लंबे वक्त तक धूप रहती है. धूप से पौधों को जल्दी बढ़ने में मदद मिलती है. हालांकि ब्रिटेन में पड़ने वाली सर्दियां कई चुनौतियां लेकर आती हैं. इन दिनों में सूरज के दर्शन होना भी दुलर्भ हो जाते हैं. इसलिए यहां पर चुनौतियों से निपटने के लिए कृत्रिम विकल्पों का इस्तेमाल किया जाता है.
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