दुनिया की सबसे बड़ी मछलियों में शुमार व्हेल मछली के ऊपर इन दिनों बड़ा खतरा मंडरा रहा है. एक जगह ऐसी है, जो व्हेल मछलियों का कब्रिस्तान बन गई है और वहां इनकी रहस्यमी ढंग से मौत हो रही है. व्हेल के जान गंवाने की वजह से समुद्री एक्सपर्ट भी हैरान हैं. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण पश्चिमी तट पर अब तक 100 के करीब व्हेल मछलियों की मौत हो चुकी है और इसकी वजह भी मालूम नहीं चल पाई है. 


ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण पश्चिमी तट पर व्हेल मछिलयां पहुंच रही हैं और फिर अपनी जान गंवा दे रही हैं. हाल ही में यहां पर 45 और व्हेल मछलियां पहुंचीं. लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश भी की, मगर इसमें कामयाबी नहीं मिली. जिन मछलियों ने जान गंवाई हैं, उन्हें पायलट व्हेल के तौर पर जाना जाता है. ये मछलियां ऑस्ट्रेलिया के चेन्स तट पर आकर मौत का शिकार हो जा रही हैं. 


व्हेल को बचाने के लिए टीम तैनात


व्हेल मछलियों को बचाने के लिए चेन्स तट पर 100 के करीब वाइल्डलाइफ ऑफिसर और 250 वॉलंटियर्स मौजूद हैं. मछलियों के मारे जाने की पहली जानकारी 25 जुलाई को पता चली, जब दर्जनों की संख्या में व्हेल यहां पर मृत पाई गईं. इसके बाद बाकी की व्हेल को बचाने के लिए टीमें भी तैनात की गईं, मगर इसका कोई भी फायदा देखने को नहीं मिला, क्योंकि फिर कुछ दर्जन और ने भी जान गंवा दी. 



वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया पार्क एंड वाइल्डलाइफ सर्विस ने बताया कि व्हेल मछिलयां तट पर आ गईं, जिसके बाद उन्हें गहरे पानी में भेजने की कोशिश हुी, मगर वो बार-बार छिछले पानी में लौट रही थीं. सर्विस का कहना है कि व्हेल्स को मारने का फैसला किया गया, ताकि उनके दर्द को कम किया जा सके. अगर वो यहां छिछले पानी में रहतीं, तब भी मौत का शिकार बनतीं, इसलिए ये निर्णय लिया गया. 



क्या है मौत की वजह?


व्हेल मछलियों का तट पर आकर ठहरना अभी तक रहस्य बना हुआ है. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स का कहना है कि तनाव और किसी तरह की बीमारी ऐसा करने की वजह हो सकती है, मगर इस पर ठोस तरह से कुछ नहीं कहा जा सकता है. मछलियों के कंकाल से सैंपल लिए गए हैं, एक बार उनके रिजल्ट आ जाएं, तो ही साफ हो पाएगा कि मौत की असली वजह क्या है.


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