क्या आप जानते हैं कि घड़ी हमेशा लेफ्ट हैंड यानी बाईं कलाई में ही क्यों पहनी जाती है? ज्यादातर लोग इस सवाल का जवाब नहीं जानते होंगे और शायद ही कभी इस बात पर उनकी नजर पड़ी होगी. आपने देखा होगा कि घड़ी बनाने वाली कंपनियां हमेशा उल्टे हाथ को ध्यान में रखकर घड़ियों को डिजाइन करती हैं. ज्यादातर लोग भी घड़ी को उल्टे हाथ में ही पहनते हैं. क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे का साइंटिफिक कारण क्या है? आइए आपको इसका जवाब देते हैं.
दरअसल जब घड़ी का उत्पादन शुरू हुआ था, तब ज्यादातर घड़ियां मैकेनिकल यानी यांत्रिक हुआ करती थीं. इन्हें बार-बार घुमाने की जरूरत पड़ती थी. यह तो आप जानते हैं कि अधिकतर लोग अपने सारे काम सीधे हाथ से करते हैं. जबकि कुछ लोग ही ऐसे होते हैं, जो हर काम के लिए सीधे हाथ के बजाय उल्टे हाथ का इस्तेमाल करते हैं. चूंकि सीधे हाथ वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है, इसलिए घड़ियां उल्टे हाथ के लिए बनाई जाती हैं. क्योंकि सीधे हाथ से उल्टे हाथ में घड़ी पहनना आसान होता है, जबकि उल्टे हाथ से सीधे हाथ में घड़ी पहनना थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है.
क्या है साइंटिफिक वजह?
आइए अब जानते हैं कि उल्टे हाथ में घड़ी पहनने के पीछे की साइंटिफिक वजह क्या है. दरअसल जब हम उल्टे हाथ में घड़ी पहनते हैं तो 12 अंक सबसे ऊपर होता है, जिसकी वजह से हमारे लिए टाइम देखना आसान होता है. जबकि सीधे हाथ में घड़ी लगाने से 12 अंक नीचे की ओर चला जाता है, जिससे समय देखने में मुश्किल होती है. इसके अलावा, एक वजह यह भी है कि सीधे हाथ में घड़ी लगाने से घड़ी की चाबी अंदर की ओर हो जाती है. जबकि उल्टे हाथ में चाबी बाहर की ओर रहती है, इसलिए इसको जरूरत पड़ने पर घूमाना आसान हो जाता है. अब तो आपको इस सवाल का जवाब मिल ही गया होगा कि घड़ी उल्टे हाथ में क्यों पहनी जाती है.
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