दुनियाभर में विमानन सेवाएं पिछले 100 सालों से भी ज्यादा समय से एक्टिव हैं. दुनिया के किसी भी कोने में आने-जाने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगता है. जिन दूरियों को पूरा करने में कभी महीनों या सालों का वक्त लग जाता था, उन्हें अब कुछ घंटों में पूरा कर लिया जाता है. इसकी मुख्य वजह विमान हैं, जिनकी खोज ने दुनिया को बदलने का काम किया है. विमान या कहें प्लेन की वजह से हवाई सफर की शुरुआत हुई, जिसने लोगों के बीच की दूरियों को मिटाकर रख दिया. 


हालांकि, भले ही विमानों को 100 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है. उनमें बहुत से बदलाव भी हुए हैं. सुविधाएं और सुरक्षा पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर हुई हैं. मगर एक चीज ऐसी है, जो पहले भी मौजूद थी और आज भी मौजूद है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं विमान के रंग की. विमानों का रंग हमेशा सफेद ही होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? क्यों विमान को सिर्फ इसी रंग से रंगा जाता है. आइए इसका जवाब जानते हैं. 


प्लेन का रंग क्यों होता है सफेद


बीबीसी टू के शो आईक्यू के होस्ट सैंडी टोक्सविग ने इस सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि आखिर क्यों विमानों को सफेद के अलावा किसी और रंग से नहीं रंगा जाता है. टोक्सविग ने बताया कि विमानों को गहरे रंग से इसलिए नहीं रंगा जाता है, क्योंकि इससे विमान के कुल वजन में आठ यात्रियों के बराबर का वजन जुड़ जाता है. उन्होंने बताया कि गहरा रंग भारी होता है, क्योंकि इसमें ज्यादा पिगमेंट्स होते हैं. इसलिए जितने भी विमान होते हैं, वो या तो सफेद या हल्के रंग के होते हैं.


प्राइवेट जेट की सुविधा देने वाली कंपनी मेंकर एविएशन ने बताया कि विमानों को सफेद रंग से रंगने के पीछे एक और वजह है. कंपनी का कहना है कि सफेद रंग सूरज की रोशनी को बेहतर ढंग से रिफलेक्ट करता है. यही वजह है कि लोग गर्मी से बचने के लिए सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि सफेद रंग की वजह से पक्षियों से होने वाली टक्कर भी कम हो जाती है. सफेद रंग पक्षियों को खतरे से दूर से आता हुआ दिख जाता है और वे रास्ते से हट जाते हैं.


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