घर में रखे जेवरों पर हाथ साफ कर गए दिवाली की सफाई करने आए लोग, ऑनलाइन की थी बुकिंग
मुंबई की एक 55 साल की महिला दिवाली की सफाई के झांसे में आकर 4 लाख रुपये के सोने के गहने खो बैठी. उसने मोबाइल ऐप के जरिए सफाई सर्विस की बुकिंग की थी, जिसके जरिए दो लोग उसके घर पहुंचे थे.
Trending News: दिवाली का वक्त है और इस वक्त लोग अपने अपने घरों और प्रतिष्ठानों की सफाई में लगे हुए हैं. इस दौरान कई लोग वक्त की कमी के चलते ऑनलाइन क्लीानिंग सर्विस भी बुक कराते हैं, जिससे उनका समय बचता है. लेकिन मुंबई की एक महिला को ऑनलाइन सफाईकर्मी बुलाना भारी पड़ गया, क्योंकि सफाई करने आए शख्स ही उसके घर से 4 लाख रुपये के गहने लेकर फरार हो गए.
सफाई करने आए शख्स ने उड़ाए 4 लाख के गहने
मुंबई की एक 55 साल की महिला दिवाली की सफाई के झांसे में आकर 4 लाख रुपये के सोने के गहने खो बैठी. उसने मोबाइल ऐप के जरिए सफाई सर्विस की बुकिंग की थी, जिसके जरिए दो लोग उसके घर पहुंचे. चोरों ने कथित तौर पर सफाई के दौरान महिला का कीमती सामान चुरा लिया. यह घटना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए से सफाई कर्मचारियों को काम पर रखने की सुरक्षा के बारे में सवाल पैदा करती है. पुलिस ने 27 वर्षीय अरबाज खान को गिरफ्तार किया और पूछताछ के लिए दो अन्य को हिरासत में लिया है.
यह भी पढ़ें: कोचिंग सेंटर है या टॉर्चर सेंटर? NEET स्टूडेंट को डंडे से पीटता दिखा टीचर, वीडियो वायरल
नोब्रोकर ऐप से बुक की थी क्लीनिंग सर्विस!
मुंबई के दहिसर में ऋषिकेश सोसाइटी में रहने वाली लीना म्हात्रे ने दिवाली के त्यौहार की तैयारी के लिए 21 अक्टूबर को क्लीनिंग सर्विस बुक की थी. उन्होंने एक ऐप से इस सर्विस को बुक किया था. अगली सुबह करीब 9 बजे दो शख्स उनके घर पहुंचे. जब वे कथित तौर पर सफाई में लगे हुए थे, तो म्हात्रे ने बाद में पाया कि उनकी अलमारी खुली हुई थी और उनके सोने के गहने गायब थे. सफाईकर्मियों के चले जाने के बाद ही उन्हें चोरी का एहसास हुआ, म्हात्रे ने तुरंत पुलिस को कॉन्टेक्ट कर इसकी शिकायत दर्ज कराई. अधिकारियों ने चोरी के मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचाने गए 27 साल के अरबाज खान को गिरफ्तार कर लिया है.
यह भी पढ़ें: चेक योर ऑरेंजेस... युवराज सिंह के एनजीओ ने ब्रेस्ट कैंसर पर बनाया ऐड, मच गया बवाल
पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या नोब्रोकर ऐप ने कर्मचारियों को काम पर रखने से पहले उनका बैकग्राउंड वेरिफिकेशन किया था. अधिकारी संदीप गोर्डे ने कहा कि नियमों के अनुसार सफाई कर्मचारियों सहित सभी सेवा कर्मचारियों को प्राइवेट प्लेस पर भेजने के लिए रखने से पहले उनकी पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होता है. सोसायटी से सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद, पुलिस ने दो अन्य व्यक्तियों संतोष ओमप्रकाश यादव और सूफियान नजीर अहमद सौदार की पहचान की, जिनसे फिलहाल पूछताछ की जा रही है. गोर्डे ने मीडिया को बताया, "हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या नोब्रोकर ने इन कर्मचारियों को नियुक्त करने से पहले उनका सत्यापन किया था. घटना के बाद से ऐप ने उनकी आईडी ब्लॉक कर दी है.
यह भी पढ़ें: स्वामी रामभद्राचार्य ने अभिनव अरोड़ा को स्टेज से उतारा नीचे, वीडियो वायरल होने के बाद लोग कर रहे मजेदार कमेंट