Eternos AI: हमारे घर परिवार में अगर किसी की मौत हो जाए तो उसका दुख कई सालों तक रहता है, लोग सोचते हैं कि काश कुछ ऐसा हो जाए कि वो शख्स लौटकर आ जाए या फिर हम उसे फिर से देख सकें... अगर आप भी इस तरह के विचारों को अपने अंदर समेटे हुए हैं तो शायद हो सकता है आपके इन सपनों को पंख लग जाए.
आज साइंस ने काफी तेजी के साथ तरक्की की है, पहले जो चीज हमें सिर्फ किताबों में, कहानियों में सुनने और पढ़ने को मिलती थी, अब वह हकीकत का रूप ले रही है. इन्हीं में से एक है कि अब आप मरे हुए लोगों के साथ बात कर सकेंगे. चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
मरने के बाद भी होगी बातचीत
हाल ही में डीडब्लू ने एक वीडियो रिपोर्ट रिलीज की थी जिसमें उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया था. उस रिपोर्ट के अनुसार माइकल बोमर नाम के एक शख्स ने Eternos नाम की अमेरिकन कंपनी के साथ मिलकर अपना एआई वर्जन बनवाया था. बोमार ऐसा इस लिए करना चाहता था ताकि उसके घर वालों को जब उसकी जरूरत हो तो उसके साथ बात कर सके. बोमर ने अपनी यादों, आवाज और पर्सनलिटी को डिजटली कैप्चर करवाया. इस तकनीक को विकसित करने के लिए, बोमर ने कई व्यक्तिगत कहानियां और अनुभव साझा किए.
कैसे करता है काम
Interesting Engineering के अनुसार शुरुआत में एआई आपके 300 शब्दों या वाक्यों को रिकार्ड करता है फिर उन्हे वॉयस में बदलता है. इसके बाद यह आपके जीवन से जुड़ी 150 कहानियों को शामिल करता है, इसमें इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि उन बातों को ज्यादा इकठ्ठा किया जाए जो ज्ञान आप दूसरों को देना चाहते हैं. बोमर से जुड़ी इन जानकारियों को एआई cloud-based database में इकठ्ठा किया गया. अगर आप एआई से उससे जुड़े सवालों का जवाब पूछेंगे तो वह शब्दों को थोड़ा-थोड़ा जोड़कर आपको जवाब देगा.
एआई को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह बोमार की तरह ही बर्ताव करे, जिस तरह उसकी बोलचाल और उसका किरदार है. सबसे खास बात यह रही कि एआई ने बोमार और उनके परिवार को खास प्रभावित किया.
जर्मन और अंग्रेजी में अच्छी बातचीत
इस एआई वर्जन शुरुआत के टेस्ट में,बोमार ने इस बात का जिक्र किया की उनकी बीबी के साथ बातचीत के दौरान एआई ने बिल्कुल उनकी तरह की बर्ताव किया और यह जर्मन और अंग्रेजी में बातचीत करने में काफी सहज था.
क्या होगा इसका भविष्य
अगर यह टेक्नोलॉजी सेक्सेस हो जाती है तो आने वाले समय में इसकी डिमांड काफी तेजी के साथ बढ़ने वाली है. इससे लोगों को यह बताने का मौका मिलता है कि उन्हें अपने जीवन में क्या सार्थक लगता है और यह सुनिश्चित करता है कि यह उनकी भौतिक उपस्थिति से परे भी बना रहे. चार बेटों के पिता बूमर के लिए, अपने डिजिटल स्वर को विकसित करना उनके बच्चों के साथ एक भावुक पल बन गया है.
ये भी पढ़ें - अमेरिका ने कभी भारत पर हमला किया तो क्या होगा? जानें कौन से देश देंगे साथ