अधूरा ज्ञान या फिर सोचा-समझा बयान, रामचरितमानस पर Swami के बयान पर घमासान
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View In Appइन दिनों यूपी से लेकर बिहार तक...धार्मिक ग्रंथ पर बवाल छिड़ा है... ये धार्मिक ग्रंथ है- गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरित मानस... पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस को नफरत बोने वाला ग्रंथ बताया था... और अब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे बकवास बताते हुए पाबंदी लगाने की मांग कर दी है... जिस रामचरित मानस में लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था बताई जाती है...वो स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कुछ नेताओं को चुभ रहा है... दलील ये है कि रामचरित मानस में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया... स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए इसे लिखा...ऐसे में इस धार्मिक ग्रंथ नहीं मानना चाहिये...
स्वामी प्रसाद मौर्य का ये बयान ऐसे वक्त आया है... जब राजनीतिक दल 2024 के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं... यही वजह रही कि सपा के भीतर तूफान खड़ा हो गया...खुद अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद सतर्क हो गए... और किसी भी नेता को... बेवजह की बयानबाजी से बचने के लिए संदेश भिजवा दिया... उधर भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के सहारे...सपा को घेरना शुरू कर दिया... कई जिलों में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए... किसी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पाकिस्तान भेजने की मांग कर दी... तो किसी ने उन्हें अज्ञानी बता दिया... कुल मिलाकर 2024 की चुनावी जंग से पहले... स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान ने बखेड़ा कर दिया है... आज स्वामी के बयान पर कैसे यूपी की सियासत सुलगती रही.... इसको लेकर बात तो चुभेगी में हुई विस्तार से बात.