कांवड़ यात्रा को 'वायरस ग्रहण' ! | Baat To Chubegi | Rohit Saval
कोरोना संक्रमण काल का ये ऐसा दौर है, जब श्रद्धा पर सुरक्षा का सवाल भारी है। ये ऐसा वक्त है, जब सैकड़ों साल पुरानी परंपराएं टूट रही हैं, क्योंकि आम लोगों की सेहत की हिफाजत से बढ़कर कुछ नहीं है। बात कर रहे हैं कांवड़ यात्रा की। यूपी में कांवड़ यात्रा को इजाजत दे दी गई है, तो उत्तराखंड सरकार ने इससे इनकार कर दिया है। यूपी में यात्रा को हरी झंडी देने पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। तो उत्तराखंड सरकार के फैसले पर साधु-संतों और धार्मिक संगठनों ने एतराज जताया है। इनका कहना है कि इससे भगवान का कोप झेलना पड़ सकता है। साधु-संतों की मांग है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही सही..लेकिन यात्रा होनी चाहिए। इस पर रोक सही नहीं। अब क्या सही है और क्या गलत। इसको लेकर सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर है। जहां शुक्रवार को इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है। इस बीच हर पक्ष अपने-अपने नजरिए को सामने रख रहा है। आस्था की दुहाई दी जा रही है...तो सतर्कता की दलील भी रखी जा रही है। 25 जुलाई से 6 अगस्त के बीच कांवड़ यात्रा होनी है। लेकिन इस पर अब तक असमंजस बना हुआ है। चुभने वाली बात ये है कि इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जाने लगा है। आज बात श्रद्धा बनाम सुरक्षा के मुद्दे की