सैफई परिवार का 'चाचा मनाओ' अभियान हुआ सफल ! | Baat To Chubhegi
शिवपाल यादव की अखिलेश से नाराजगी कोई दबी-छिपी नहीं है। अखिलेश यहां तक कह चुके हैं कि अगर भाजपा और उसके नेता उन्हें ज्यादा भाते हैं तो वो भाजपा में शामिल होने को स्वतंत्र हैं। वहीं शिवपाल यादव भी कई मौके पर अखिलेश को 2022 की करारी हार का जिम्मेदार ठहरा चुके हैं... कई बार तो उन्होंने भतीजे की सियासी समझ पर भी सवाल खड़े किए। ये तमाम बयान और घटनाएं...ये बताने को काफी हैं कि दोनों के बीच सियासी संबंध बेपटरी हैं। लेकिन इस वक्त मामला परिवार की बहू का है। इस वक्त मुद्दा मैनपुरी में परिवार की प्रतिष्ठा बचाने का है...इस समय चुनौती मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई सीट पर..फिर से समाजवादी झंडा लहराने की है....बावजूद इसके शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से ये कह दिया है कि...जरूरत पड़ने पर आपका सम्मान और काम निकल जाने पर आपका अपमान...ये बर्दाश्त नहीं है। इस बयान से उनके गुस्से को समझा जा सकता है...हालांकि बावजूद इसके शिवपाल...मैनपुरी उपचुनाव को लेकर मुलायम हो गए हैं...
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