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प्रहारः बेटियों को महफूज रखने के बड़े-बड़े नारे देने वाली सरकार चिन्मयानंद पर चुप क्यों है ?
कहते हैं कि जिस समाज में महिलाओं का सम्मान होता है वो तरक्की की नई इबारत लिखता है। जिस समाज में महिलाओं की आबरू महफूज होती है वो आदर्श बनता है और जहां महिलाओं के लिए न्याय सुलभ हो वहीं रामराज्य की कल्पना संभव होती है। बात उत्तम प्रदेश की है। ऐसे में दुर्भाग्य कहें या फिर बदकिस्मती, हालात इससे बिल्कुल उलट हैं। बेटी बचाओ कागजों का नारा बनकर यहां सरकारी अलमारियों में धूल फांक रहा है जबकि ये नारा देने वाली सरकार ही बेटियों की गुनहगार बनती जा रही है। मामला पूर्व गृहराज्य मंत्री चिन्मयानंद से जुड़ा है। जहां एक के बाद एक संगीन आरोपों और सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बावजूद सरकार की संवेदना गहरी नींद में सो रही है। कार्रवाई जारी है का लॉलीपॉप थमाकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी सरकार शायद ये भूल गई कि बेटियों को महफूज रखने के लिए उसी ने एंटी रोमियो स्क्वायर्ड बनाया था।
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कामिनी झाआईटी प्रोफेशनल
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