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प्रहारः स्कूल में कितने सुरक्षित हैं आपके बच्चे ?
स्कूल में कितने सुरक्षित हैं आपके बच्चे? क्या स्कूल वाकई बच्चों की सेफ़्टी की अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं ?. ये सवाल अब परिजनों के ज़हन में उठने लगे हैं। वजह साफ है। स्कूल में छात्र-छात्राओं के ख़िलाफ़ दिनों-दिन बढ़ती हिंसा। स्कूल में बच्चों का ख़ुदकुशी करना या विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं की हत्या हो जाना। ताज़ा मामला मैनपुरी का है। जहां भोगांव के जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में 11वीं की छात्रा का शव सोमवार तड़के हॉस्टल के कमरे में लटकता हुआ मिला। विद्यालय प्रबंधन ने इसे ख़ुदकुशी क़रार दिया। पुलिस भी प्रथम दृष्टया ख़ुदकुशी ही मान रही है मगर परिजन इसे ख़ुदकुशी मानने को तैयार नहीं। परिजनों का कहना है कि बेटी की हत्या करके शव लटका दिया गया है। उसके शरीर पर कई जगह चोटों के निशान हैं। उनका कहना है कि हत्या नहीं है तो फिर स्कूल प्रबंधन ने मौत की सूचना पहले क्यों नहीं दी? मंगलवार को छात्रा की मौत के बाद पीड़ित परिजनों ने प्रधानाचार्य सुषमा सागर, हॉस्टल वॉर्डन और एक छात्र पर हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस को हॉस्टल के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। जिसमें छात्रा ने लिखा है कि मेरे साथ पर्सनली ग़लत हुआ था। सुसाइड नोट में प्रिंसिपल के ट्रांसफर की मांग भी की है। अब सवाल यही है, स्कूल में छात्रा के साथ ऐसा क्या होता था, जिससे वो परेशान थी। आख़िर छात्रा को प्रिंसिपल के ट्रांसफर की मांग क्यों करनी पड़ी। इससे इतर भी कई सवाल हैं जिनके इर्द गिर्द हमारी ये चर्चा केंद्रित रहेगी।
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