Rajneeti: क्यों बदइंतजामी के शिकार हो रहे मजदूर ? | Lobour Migration | ABP Ganga
ABP News Bureau
Updated at:
27 May 2020 11:09 PM (IST)
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अदम गोंडवी ने कभी लिखा था, ''जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये, आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये; जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़, उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिये।'' और ये लाइनें आज के दौर में मजदूरों की मुफलिसी पर एकदम सटीक बैठती हैं। लेकिन एक सच आपको और जानना चाहिए। जिन अदम गोंडवी की लाइनों पर बड़े बड़े सूरमा दिल खोलकर ताली पीटते थे। उन्हीं अदम गोंडवी को मुफलिसी की जद में दम तोड़ना पड़ गया था फिर समझना मुश्किल नहीं कि मजदूरों की हैसियत क्या रह जाती है।