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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajneeti With Rajkishor: विकास से जुड़ी रिपोर्ट में यूपी की तरक्की सीएम योगी के काम पर मुहर ? | ABP Ganga
ABP News Bureau
Updated at:
31 Dec 2019 09:30 PM (IST)
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20 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने जब उन्नाव पीड़ित के हक में फैसला सुनाते हुए....यूपी में सत्ताधारी पार्टी के विधायक रहे...कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई....तो ये साबित हो गया कि...दरिंदगी जैसे संगीनों गुनाहे में अदालत की चौखट पर न विशेषाधिकार चलता है न सत्ता का रसूख...वहां चलता है तो सिर्फ और सिर्फ सबूत...जाहिर है कुलदीप सिंह सेंगर की सियासी हैसियत को देखते हुए ये फैसला एक नजीर है...क्योंकि कुलदीप फिलवक्त में दरिंदगी का सबसे बड़ा चेहरा बन चुका था...लेकिन सच्चाई ये भी है कि सिर्फ सेंगर को ही नहीं...बल्कि बीते कुछ वक्त में कई और दूसरी न्यायपालिकाओं ने महिला अपराधों से जुड़े खास कर रेप जैसे घिनौने अपराधों में सजाएं सुनाई हैं...उसने इंसाफ की मुहिम को एक नया तेवर दिया है...जिससे महिलाएं खुद को ताकतवर महसूस कर रही हैं...महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराधों के मुकाबले की सजा की दर को लेकर हमेशा शिकायतें रही...और ये माना जाता रहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढ़ते आकड़ों की तमाम वजहों में से...एक वजह सजा की दर का न बढ़ना ही रहा...लेकिन बीते वक्त में कई जिलों की अदालतों ने कम वक्त में सुनवाई के साथ इन मामलों में इंसाफ किया और कड़ी सजा दी...हालांकि विपक्ष सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है...महिला अपराधों पर वो मंत्रियों और मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा कर रहा है....कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दे पर सियासत तो होती ही रही है....