Taliban के 'इस्लामी कानून' को Farooq Abdullah का समर्थन? | घंटी बजाओ
हिंदुस्तान में रहकर तालिबान का समर्थन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है । अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार का एलान किया तो भारत में कुछ लोग उनका भी समर्थन करने लगे । जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने आज ऐसे बयान दिए जिन्हेंं सुनकर ये लगता है कि ये लोग किस हक से भारत की सरकार और संविधान पर सवाल उठाते हैं । नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला को आपने भारत में सेक्युलरिज्म का ढोल पीटते कई बार सुना होगा लेकिन जब बात अफगानिस्तान की आयी तो वो वहां इस्लामी कानून यानी शरिया की वकालत करते नजर आए...लगभग यही बात जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी कही...महबूबा ने तो यहां तक कह दिया कि अगर तालिबान अफगानिस्तान में असली शरिया कानून को लागू करे तो वो दुनिया में मिसाल कायम कर सकता है । महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला के इस तालिबान प्रेम पर हंगामा शुरू हो गया है