Bihar Sharab Case : शराबबंदी की खुली पोल...कब तक पीटेंगे ढोल ? | Nitish Kumar
पटना: बिहार में एक ओर जहरीली शराब से मौत हो रही है तो वहीं दूसरी ओर नेताओं की बयानबाजी भी जारी है. छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद लगातार बिहार की सियासत गर्म है. सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि सही से शराबबंदी कानून का पालन नहीं कराया जा रहा है. प्रशासन की मिलीभगत से अवैध तरीके से इसका धंधा जारी है. इस बीच सोमवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने शराबबंदी का ठीकरा जनता के माथे फोड़ दिया. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पूर्ण सोमवार को एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि आम जनता सहयोग करेगी तब ही 100 परसेंट शराबबंदी लागू हो पाएगी. उन्होंने कहा कि यह लोगों की जवाबदेही है कि वे सरकार की मदद करें. लोग सामने आएं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिनके घर में शराब का सेवन हो रहा है, वो पहले इसे रोकें, वरना कानून का सहारा लें. किसी की भी मौत दुखद: उपेंद्र कुशवाहा वहीं दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को ही मीडिया से बात करते हुए कहा कि मौत किसी की भी हो यह दुखद है. किस कारण से मौत हुई है इस बात पर विचार करना चाहिए. कानून तो बना हुआ ही है कि लोग शराब न पिए. कानून यह गलत है. वहीं दूसरी ओर मुआवजे को लेकर किए गए सवाल पर कि 2016 में मिली था तो अब क्यों नहीं. इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस पर उन्हें पूरी जानकारी नहीं है. वह देखेंगे तब ही कुछ बता पाएंगे. मौत का आंकड़ा छुपाने के सवाल पर कहा कि क्या तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह ने यह बयान दिया है? उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कोई व्यक्ति उस पार्टी का क्यों बोल रहा है उसका आंतरिक मामला है लेकिन नहीं बोलना चाहिए.