Oxygen नहीं थी कम तो क्यों घुट गया लोगों का दम? सांसों पर सियासत क्यों? | हुंकार
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सांसों के लिए संघर्ष करते लोगों की तस्वीर किसने नहीं देखी होगी. अपनों की जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग रहे थे. एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार थे, कुछ भी खर्च करने को राज़ी थे. लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों लोगों की जान नहीं बच पाई. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ अप्रैल और मई के महीने में 223 लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई. उस वक़्त लोगों का वो दर्द देखकर हम भी विचलित हो जाते थे. लेकिन अब दो महीने के बाद केंद्र सरकार राज्यों के हवाले से कह रही है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से किसी की मौत नहीं हुई थी. स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती पवार ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत की जानकारी नहीं दी है. केंद्र के इस बयान के बाद सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है.