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अस्पताल हो या श्मशान, पब्लिक है परेशान, कोरोना की रात की सुबह कब? | इंडिया चाहता है
चाहे अस्पताल हो या श्मशान, कोरोना ने पब्लिक का जीना दूभर कर रखा है. पहले चैन से जीने नहीं दे रहा.. न अस्पताल में बिस्तर मिल रहे हैं, न दवाइयां न ऑक्सीजन... और फिर चैन से मरने भी नहीं दे रहा क्योंकि शवगृह से लेकर श्मशान और कब्रिस्तान तक कुछ जगहों पर कतारें देखी जा रही हैं.
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