Hijab Row : इस्लामिक 'ड्रेस कोड' पर तकरार... Iraq - Iran में होगा आर-पार ?
ईरान में प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस लोगों पर गोलियां बरसा रही है. यही वजह है कि 11 दिन के प्रदर्शन में ईरान में 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. लगातार मौत की खबरों के बीच ये प्रदर्शन और ज्यादा उग्र होता जा रहा है. ईरान में हिजाब के खिलाफ आंदोलन का मुख्य चेहरा रहीं हदीस नजफी की मौत हो गई है. 20 साल की हदीस नजफी लगातार हिजाब के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं. खबरों के मुताबिक हदीस नजफी को 6 गोली मारी गई. इस्लामिक रिपब्लिक के सुरक्षाबलों ने सीने, चेहरे और गर्दन पर गोली मारी है. ईरान सरकार गोलियों के दम पर हिजाब के खिलाफ उठी इन आवाजों को खामोश करना चाहती है.
महसा अमीनी की मौत के बाद भड़की हिंसा
दरअसल, ईरान में हिजाब के खिलाफ उठ खड़े इस आंदोलन के पीछे महसा अमिनी (Mahsa Amini) की कहानी है. 22 साल की महसा अमिनी 13 सितंबर को कुर्दिस्तान से ईरान की राजधानी तेहरान अपने रिश्तेदारों से मिलने पहुंची थीं. महसा अमीनी के सिर पर हिजाब था, लेकिन ईरान के कानून के मुताबिक वो ठीक नहीं था, क्योंकि उससे महसा अमीनी के बाल दिखाई दे रहे थे. जिसके बाद ईरान की मोरल पुलिस महसा को अपने साथ ले गई. कहा गया कि महसा को एक घंटे की शिक्षा देने के लिए ले जाया जा रहा है.
ईरान मीडिया के मुताबिक जिस डिटेंशन सेंटर में महसा गई थी उसके बाहर उनका भाई मौजूद था और भाई ने महसा के चीखने की आवाज सुनी. अरेस्ट होने और अस्पताल जाने के बीच महसा को सिर्फ दो घंटे का वक्त लगा और ईरान सरकार ने कहा कि महसा को हार्ट अटैक आ गया. महसा कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उनकी मौत की खबर आई. महसा की मौत की खबर ईरान में आग की तरह फैली और सालों से दबा गुस्से का ज्वालामुखी फट पड़ा. एक घटना ने ईरान को हिला दिया. महिलाओं ने बीच सड़क पर अपने अपने हिजाब को जलाना शुरू कर दिया.