दिल्ली के मौजपुर में लोगों को भड़काने वाली रागिनी की गिरफ्तारी कब ? Master Stroke Full 28.02.2020
ABP News Bureau
Updated at:
28 Feb 2020 11:00 PM (IST)
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दिल्ली हिंसा को तीन दिन बीत चुके हैं. सोमवार और मंगलवार को दिल्ली की सड़कों पर दंगाइयों ने जो कोहराम मचाया.वो 42 लोगों की मौत के बाद ही थमा है. मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इस हिंसा के दो चेहरों पर सबसे ज्यादा बात हो रही है. ये चेहरे हैं बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा और आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन. वैसे कपिल मिश्रा जब आम आदमी पार्टी में थे तब वो ताहिर हुसैन के बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे. 2013 और 2015 के विधानसभा चुनाव में ताहिर ने कपिल मिश्रा की जमकर मदद की थी. 2013 विधानसभा चुनाव में ताहिर के घर में कपिल मिश्रा का चुनाव कार्यालय बना था. सूत्रों के मुताबिक बाद में 2017 नगर निगम चुनाव में ताहिर हुसैन को आम आदमी पार्टी से टिकट मिलने और फिर उनके जीतने में कपिल की बड़ी अहम भूमिका रही. कपिल मिश्रा जब तक आम आदमी पार्टी में रहे ताहिर हुसैन को कपिल मिश्रा का करीबी माना जाता रहा.
ये असल में दिल्ली के दंगे की पूरी कहानी की तस्वीर है देखिए कैसे राजनेता. एक होते हैं और फिर इन्हीं नेताओं के कहने पर आम लोग दंगाई बन जाते हैं और एक दूसरे की जान ले लेते हैं जबकि नेता सिर्फ अपनी राजनीति चमकाते हैं.
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