क्या यूपी में इंसाफ पाने के लिए जान देनी होगी? क्या यही है 'रामराज्य?
एबीपी न्यूज़
Updated at:
01 Jan 1970 05:30 AM (IST)
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दो दिन जिंदगी और मौत की जंग लड़ते-लड़ते आज विक्रम जोशी ने दम तोड़ दिया. सोमवार रात को हमलावरों ने उनके सिर पर गोली मार दी थी. गंभीर हालत में उनको यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दरअसल, उन्होंने अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी. इसी से बौखलाए बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी. इस मामले में अबतक कुल 9 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
पहले कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिसवालों की जान जाना, फिर लखनऊ में दबंगों के डर से दो महिलाओं को खुद को आग लगाना और अब गाजियाबाद में पुलिस की कथित लापरवाही से पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या होना, ये तीनों घटनाए यूपी में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं. गाजियाबाद की घटना वाकई में चिंता का सबब है, क्योंकि तहरीर देने के बाद भी पुलिस के कार्रवाई ना करने से एक व्यक्ति की मौत हुई है.
पहले कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिसवालों की जान जाना, फिर लखनऊ में दबंगों के डर से दो महिलाओं को खुद को आग लगाना और अब गाजियाबाद में पुलिस की कथित लापरवाही से पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या होना, ये तीनों घटनाए यूपी में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं. गाजियाबाद की घटना वाकई में चिंता का सबब है, क्योंकि तहरीर देने के बाद भी पुलिस के कार्रवाई ना करने से एक व्यक्ति की मौत हुई है.