SC/ST Reservation: Supreme Court ने 20 साल पुराने फैसले को पलटते हुए 6-1 के बहुमत से सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लेकर गुरुवार (1 अगस्त) को बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक पीठ ने 6:1 के बहुमत से कहा कि एससी/एसटी कैटेगरी के भीतर ज्यादा पिछड़ों के लिए अलग कोटा दिया जा सकता है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना है कि एससी/एसटी आरक्षण के तहत जातियों को अलग से हिस्सा दिया जा सकता है. सात जजों की बेंच ने बहुमत से यह फैसला दिया है. दरअसल, पंजाब में वाल्मीकि और मजहबी सिख जातियों को अनुसूचित जाति आरक्षण का आधा हिस्सा देने के कानून को 2010 में हाईकोर्ट ने निरस्त किया था. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला किया. माना जाता है कि एससी/एसटी कैटेगरी में भी कई ऐसी जातियां हैं, जो बहुत ही ज्यादा पिछड़ी हुई हैं. इन जातियों के सशक्तिकरण की सख्त जरूरत है.