एक्सप्लोरर
Advertisement
दिल्ली पुलिस अफवाहों पर चुस्त लेकिन दंगों पर क्यों सुस्त ? देखिए बड़ी बहस | संविधान की शपथ
दिल्ली में हिंसा पर काबू तो पा लिया गया है, लेकिन बीच-बीच में अफवाहों का बाजार गर्म हो जा रहा है. रविवार को वेस्ट दिल्ली के ख्याला इलाके से एक बार फिर हिंसा की अफ़वाह फैली और कुछ ही देर में दिल्ली के तमाम इलाक़ों में दंगों की अफवाह से अफरातफरी फैल गई. लेकिन दिल्ली पुलिस के तुरंत हरकत में आने से अफवाह की आग को समय रहते रोक दिया गया. पुलिस ने चुस्ती दिखाते हुए न सिर्फ़ मीडिया के सहारे अफ़वाह को ग़लत बताया बल्कि जगह-जगह लोगों के बीच जाकर भी उन्हें अफ़वाहों से बचने की सलाह दी. लेकिन सवाल ये उठता है कि पिछले हफ़्ते रविवार को जब हिंसा शुरू हुई, उस वक़्त पुलिस ने ऐसी सक्रियता क्यों नहीं दिखाई...क्यों उस वक़्त पुलिस को हालात काबू पाने में तीन दिन से ज़्यादा लग गए...आज का हमारा सवाल यही है कि अफवाह पर चुस्त, दंगों पर क्यों सुस्त ?
सभी शो
संविधान की शपथ
फिर आये एक दिन में 4 लाख मामले, क्या Lockdown से ही रुकेगा कोरोना का कहर? | संविधान की शपथ
Corona : तीसरी लहर का तय है प्रहार, क्या सरकार है तैयार? | Samvidhan Ki Shapath
Corona Crisis: क्या सरकारों को हरकत में लाने के लिए कोर्ट का दखल देना जरूरी है? | SKS
UP पंचायत चुनाव के दौरान 30 गुना बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले, जिम्मेदार कौन? | संविधान की शपथ
कोरोना वैक्सीन और ऑक्सीजन को लेकर क्यों केंद्र और राज्य सरकारें हैं आमने-सामने? | संविधान की शपथ
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
बिहार
साउथ सिनेमा
आईपीएल
Advertisement
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement