Privatisation, Disinvestment, Asset Monetisation: ये मजबूरी हैं या जरूरी हैं | सत्य वचन
ABP News Bureau
Updated at:
24 Aug 2021 10:47 PM (IST)
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View In Appआज का सत्य वचन उस आर्थिक नीति पर जिसपर सियासी विवाद हो गया है। प्राइवेटाइजेशन, डिसइन्वेसमेंट के बाद अब नया शब्द मोनेटाइजेशन मार्केट में है। दरअसल मोदी सरकार ने एक योजना शुरू की है, जिसके तहत सरकारी संपत्तियों को किराए पर देकर पैसा कमाने की कोशिश शुरू की गई है। सड़क, ट्रेन, एयरपोर्ट को प्राइवेट हाथों देकर रेवेन्यू जुटाया जाएगा, लेकिन इस पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हल्ला बोल दिया। और आरोप लगा दिया कि 70 साल में जो बनाया, मोदी सरकार ने उसे प्राइवेट हाथों में दे दिया। सरकार की तरफ से पलटवार तगड़ा आया, लेकिन सवाल है कि आखिर प्राइवेट हाथों में सरकारी संपत्ति देना जरूरी है या मजबूरी...आज इसी का सत्य वचन जान लेते हैं