Tokyo Olympics में माटी के लाल, कर गए कमाल, ज्यादातर पदक विजेता ग्रामीण इलाकों से | सत्य वचन
ABP News Bureau
Updated at:
09 Aug 2021 11:09 PM (IST)
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appआज का सत्य वचन ये है कि समूचा भारत ओलंपिक के सूरमाओं की अगवानी कर गदगद महसूस कर रहा है। क्योंकि गांव से निकले किसान के बेटों ने कमाल कर दिया है। चाहे नीरज चोपड़ा हों या रवि दहिया या फिर बजरंग पुनिया ही क्यों ना हो...ज्यादातर खिलाड़ी ऐसे ग्रामीण बैकग्राउंड से आते हैं, जहां से निकल कर मेडल लाना वाकई बहुत बड़ी बात होती है। क्योंकि वो ओलंपिक में प्रदिद्वंदी खिलाड़ियों को बाद में हराते हैं, पहले वो गरीब, असुविधा, परेशानी जैसे तमाम कारणों को दंगल में पटखनी देकर जाते हैं। इसलिए जब वो जीतकर वापस आते हैं स्वागत बेहिसाब होता है