Suspense: Assam में फिर से बारिश से हाहाकार..दांव पर लगी 2 लाख जिंदगियां | ABP News
जब भारत का आधा हिस्सा...हीट वेव और रिकॉर्डतोड़ तापमान से जूझ रहा है..उस वक्त असम का मंजर देखकर होश उड़ जाते हैं. असम के 15 जिलों की यही सबसे बड़ी परेशानी है...घर के अंदर पानी है...बाहर पानी है....किसी को नहीं पता..कब तक बेघर को होकर दिन काटने हैं..रातें बितानी हैं. गोलपारा और करीमगंज में सैलाब के शोर के बीच लैंडस्लाइड की लगातार हो रही घटनाओं ने खौफ 2 गुना कर दिया है.देश के कई राज्य सूखे की मार झेलते हैं...लेकिन असम लगभग हर 2 साल में बाढ़ की विभीषिका झेलता है.2016 ,2020 और 2022 में असम में आई बाढ़ पूरे देश की हेडलाइन्स बनीं...2016 में जुलाई अगस्त में फ्लड अटैक आया था...18 लाख लोगों से ज्यादा पर डायरेक्ट असर पड़ा था..काजीरंगा नेशनल पार्क में 200 से ज्यादा जानवर इस सैलाब की भेंट चढ़ गए.
2020 में कोविड के साथ ही असम बाढ़ से भी जूझ रहा था..मई की मुसीबत आज भी लोगों को डराती है..123 की मौत बाढ़ बारिश से हुई थी..और 26 को लैंडस्लाइड ने मार डाला था. 2022 में बांग्लादेश के साथ साथ असम पर फिर मुसीबत के बादल मंडराए..इस साल सैलाबी हमले में 177 की जान गई. अब सवाल उठता है कि आखिर असम...बार बार सैलाब के मार से क्यों कराहता है..ऐसी क्या दिक्कत है असम के साथ..कि यहां के लोगों को बार बार आसमानी आफत के आगे बेघर और बेबस होना पड़ता है.
लाखों लोगों को रेस्क्यू करने की जद्दोजहद बार बार क्यों शुरू होती है. आखिर असम अमूमन हर दूसरे साल भयानक का पीड़ित क्यों बनता है?