Badruddin Ajmal Latest News: एआईयूडीएफ (AIUDF) के अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि लव जिहाद एकतरफा नहीं होता है. इसकी सजा सबको बराबर मिलनी चाहिए. इसके साथ ही बदरुद्दीन अजमल ने 'डिप्टी सीएम' का तंज भी कसा. जिसे महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से जोड़कर देखा जा रहा है.


दरअसल, बीते दिनों देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में लव जिहाद कानून बनाने पर उचित फैसला लेने की बात कही थी. जिसके बाद माना जा रहा है कि अजमल ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर ही ये तंज कसा है.


एकतरफा नहीं होता है 'लव जिहाद' - बदरुद्दीन


फडणवीस के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि 'लव जिहाद दोनों तरफ से होता है. केवल मुस्लिम युवक के साथ हिंदू लड़की का जाना लव जिहाद नहीं है. हिंदू लड़के के साथ मुस्लिम लड़की जाती है, तो वो भी लव जिहाद होगा. ऐसे मामलों में भी कार्रवाई कर सजा दी जानी चाहिए.' अजमल का कहना है कि लव जिहाद का मामला एकतरफा नहीं माना जा सकता है. बता दें कि बदरुद्दीन अजमल इस तरह के विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं. 


क्या फडणवीस पर कसा 'डिप्टी सीएम' का तंज?


बदरुद्दीन अजमल ने देवेंद्र फडणवीस पर 'डिप्टी सीएम' बताते हुए इशारा किया कि महाराष्ट्र में उनके हाथ में कुछ नहीं है. बता दें कि बीते दिन देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि 'श्रद्धा वालकर मामले के बाद सदन को लगता है, महाराष्ट्र में लव जिहाद के मामलों बड़े पैमाने पर नजर आए हैं. लव जिहाद को लेकर महाराष्ट्र सरकार अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करेगी और उचित निर्णय लेगी.'


श्रद्धा मर्डर केस से महाराष्ट्र में उठी लव जिहाद कानून की मांग


लव जिहाद को लेकर कई भाजपा शासित राज्यों में कड़े कानून बनाए गए हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से इसी बाबत सवाल पूछा गया था. जिसके जवाब में फडणवीस ने कहा था कि 'हमने सदन को आश्वस्त किया है कि अलग-अलग राज्यों में लव जिहाद पर बनाए गए कानूनों का अध्ययन किया जाएगा. उसके आधार पर हमारी सरकार उचित निर्णय लेगी, ताकि किसी भी महिला या लड़की को किसी साजिश का शिकार न होना पड़े.'


अजमल ने हिंदुओं को लेकर दिया था विवादित बयान


बीते दिनों असम के नेता बदरुद्दीन अजमल ने हिंदुओं में शादी की उम्र पर विवादित बयान दे डाला था. अजमल ने कहा था कि वो(हिंदू) 40 साल से पहले 2-3 गैरकानूनी तरीके से बीवियां रखते हैं. 40 साल के बाद बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है. उनको मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए.


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