थाणे: एक बार दिल किसी इंसान के शरीर से निकाल लिया जाए तो उसे बहुत कम समय तक ही ज़िंदा रखा जा सकता है. हार्ट ट्रांसप्लांट करने में समय बहुत कीमती होता है. इसी कीमती समय को बचाने के लिए मुलुंद में स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल आईआईटी बॉम्बे के साथ मिलकर इस योजना पर काम रहा है कि दिल को एक जगह से दुसरी जगह ले जाने में ड्रोन का इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है.
कार्डियाक ट्रांसप्लांट टीम के हेड डॉ अन्वय मुले ने फोर्टिस में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, "हॉस्पिटल आईआईटी के साथ मिलकर ड्रोन के ज़रिए दिल को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की योजना बना रहा है. इससे मुंबई में जाम के कारण जो अधिक समय लगता है उसे कम किया जा सकता है.
दिल वज़न में काफी हल्का होता है और ट्रांसप्लांट करने का समय काफी कम इसलिए हमारा मुकाबला वक्त के साथ होता है." मुले ने कहा कि अभी पूरे प्रोजेक्ट की प्लानिंग की जा रही है. इसके परिचालन की मंज़ूरी जल्द ही विभिन्न एजेंसियों सहित पुलिस और एयरपोर्ट प्राधिकरण से ले ली जाएगी.
अगर ये शुरु हुआ तो दिल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में लगने वाला समय बहुत कम हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल के दौरान मुलुंद फोर्टिस में 23 हार्ट ट्रांसप्लांट किए गए जा चुके हैं.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शत्रुघन सिन्हा पहुंचे थे. उन्होंने अंगदान के महत्व के बारे में बताते हुए लोगों से अपील किया कि सभी अंगदान के लिए आगे आएं. शत्रुघन और उनकी पत्नी ने बताया कि वे अपनी आंखे दान करने का संकल्प कर चुके हैं.