(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
A. P. J. Abdul Kalam: प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को जन्मदिन पर किया याद, कहा- समाज के हर वर्ग के साथ बिठाया तालमेल
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वैज्ञानिक के रूप में DRDO और ISRO के साथ काम किया. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत को मिसाइल मैन कहा जाता है.
A. P. J. Abdul Kalam: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज यानी 15 अक्टूबर को जयंती है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही कई अन्य लोगों ने भी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को याद किया.पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देता हूं. एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में हमारे देश में उनके योगदान के लिए उनकी बहुत प्रशंसा की जाती है. डॉक्टर कलाम ने अपने जीवन में समाज के हर वर्ग के साथ तालमेल बिठाया था.
भारत के मिसाइल मैन का खिताब दिलाया
एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक के रूप में कलाम ने भारत के दो प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया. जबकि स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों के विकास और संचालन में उनके काम अग्नि और पृथ्वी ने उन्हें भारत के मिसाइल मैन का खिताब दिलाया, ऐसे कई और तरीके हैं, जिनसे कलाम ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभाजन में भारत की मदद की है.
Tributes to our former President Dr. APJ Abdul Kalam. He is greatly admired for his contribution to our nation as a scientist and as a President who struck a chord with every section of society. pic.twitter.com/vPwICWxA3u
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2022
भारत को अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बनाने में योगदान
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 1980 के दशक में भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV III को विकसित करने के लिए परियोजना का निर्देशन किया था, जब भारत ने स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन एसएलवी डॉ कलाम के स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन के विकास के लिए परियोजना निदेशक के रूप में 10 साल से अधिक की कड़ी मेहनत का सपना देखा था. जुलाई 1980 में इसरो ने अभूतपूर्व वैज्ञानिक विकास का नेतृत्व किया, SLV III ने पृथ्वी की कक्षा के निकट रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक विकसित किया. जिससे देश विशिष्ट अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया.
पोखरण II परमाणु परीक्षण को किया लीड
कलाम ने परियोजनाओं को लीड भी किया. डेविल और कैलिएंट का उद्देश्य सफल SLV कार्यक्रम के पीछे की तकनीक का उपयोग करके बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करना था. अन्डर मिशन कलाम ने अन्य परियोजना सदस्यों के साथ अग्नि के साथ कई मिसाइल विकसित की हैं, जो एक मीडिल दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है और पृथ्वी जो सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपयी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में सेवा करते हुए कलाम ने पोखरण II परमाणु परीक्षण का लीड करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जिससे उन्हें उस समय देश के सर्वश्रेष्ठ परमाणु वैज्ञानिक के रूप में जाना जाने लगा. जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 की अवधि के दौरान कलाम की देखरेख में परमाणु परीक्षण ने भारत को एक परमाणु हथियार संपन्न राज्य बना दिया.
कलाम राजू स्टेंट विकसित किया
कार्डियोलॉजिस्ट सोमा राजू के साथ संयुक्त रूप से काम करते हुए दिवंगत राष्ट्रपति ने एक लागत प्रभावी कोरोनरी स्टेंट कलाम राजू स्टेंट विकसित किया, जिसने स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ बनाने में मदद की. कलाम और सोमा राजू की जोड़ी ने बाद में 2012 में ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रशासन के लिए एक बीहड़ टैबलेट कंप्यूटर तैयार किया. उन्होंने इसे कलाम राजू टैबलेट कहा.
भारत रत्न से भी किया जा चुका था सम्मानित
विज्ञान और राजनीति के क्षेत्र में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को काम के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया. उनके योगदान को आज भी देश के कुछ बेहतरीन वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विकास के रूप में याद किया जाता है. कलाम ने 27 जुलाई, 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में एक व्याख्यान देते हुए अंतिम सांस ली, जब वह गिर गए और कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई.
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