Rajasthan News: कोटा में NEET की तैयारी कर रही दो लड़कियां हास्टल से भागीं, GRP ने अजमेर में पकड़ा
Kota News: इन लड़कियों ने पूछताछ में बताया है कि दोनों में से एक छात्रा अक्सर मोबाइल पर एक व्यक्ति से बात करती थी. उसके पिता ने मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाने की बात कही थी. वह लड़की इसी से डरी हुई थी.
कोटा: यहां रहकर पढ़ाई करने वाली एक छात्रा से जब उसके पिता ने उसकी कॉल डिटेल मांगी तो वह घबरा गई. इसके बाद वह अपनी कजिन सिस्टर के साथ कोटा से चुपचाप निकल गई. इसकी जानकारी जब हॉस्टल संचालक को हुई तो उसने विज्ञान नगर थाने में केस दर्ज कराया. दोनों को अजमेर जीआरपी ने पकड़ कर कोटा पुलिस के हवाले कर दिया. दोनों को बाल कल्याण समिति ने बालिका गृह भेज दिया है. इसकी सूचना दोनों के परिजनों को दे दी गई है. दोनों लड़कियां बिहार की रहने वाली हैं.
इन लड़कियों ने पूछताछ में बताया है कि दोनों में से एक छात्रा अक्सर मोबाइल पर एक व्यक्ति से बात करती थी. उसके पिता ने मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाने की बात कही थी. इसी डर से छात्रा ने मोबाइल से सिम निकालकर फेंक दिया और अपने चाचा की लड़की के साथ हॉस्टल से निकल गई. दोनों छात्राएं बिहार की रहने वाली हैं. दोनों कोटा में साथ रहकर NEET की तैयारी कर रही हैं.
जीआरपी ने अजमेर में पकड़ा
बाल कल्याण समिति की सदस्य मधुबाला शर्मा ने बताया कि बालिकाओं को उनके समक्ष पेश किया गया. वहां से संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए उन्हें बालिका गृह में आस्थायी आश्रय दिया गया है. काउंसलिंग में उन्होंने बताया कि वह दोनों बहनें 11वीं क्लास में पढ़ती हैं. दोनों छह महीने पहले ही कोटा आई हैं. इसमें से एक छात्रा की दोस्ती मेस में काम करने वाले झालावाड निवासी युवक से थी. वह अक्सर उससे बात करती थी. इसकी भनक जब उसके घर वालों को लग गई. इसके बाद छात्रा के घर वालों ने उसकी कॉल डिटेल निकलवाने की बात कही. इस बात पर वह डर गई.
यह छात्रा कोटा से पहले डकनिया रेलवे स्टेशन गई, वहां आधा घंटा रुकने के बाद ऑटो से बस स्टैंड गई और वहां से झालावाड उस लडके के पास चली गई. लडके ने उन्हें वहां से वापस कोटा जाने के लिए कहा तो वह कोटा आ गई और वहां से अजमेर पहुंच गई. दोनों छात्राएं अपने घर बिहार जाना चाहती थीं. लेकिन उनकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए जीआरपी ने उन्हें पकड़ लिया. जीआरपी ने दोनों लड़कियों को कोटा पुलिस को सौंप दिया.
क्या कहना है बाल कल्याण समिति का
मधुबाला शर्मा ने बताया कि बालिकाओं के 164 के बयान होने हैं. संरक्षण की आवश्यकता होने पर उन्हें बालिका गृह में अस्थाई आश्रय (शेल्टर) में भेजा गया है. उन्होंने कहा कि एक लड़की के पिता रेलवे में अधिकारी हैं, जबकी एक की मां रेलवे में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि दोनों लड़कियों के परिजनों को इसकी सूचना दे दी गई है.