दिल के रोगी और लकवे से पीड़ित व्यक्ति जब खुद को यौन संबंधों के लिए तैयार महसूस करें, तब इसे शुरू कर सकते हैं. इससे खतरे की कोई बात नहीं है. यह बात हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कही. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि दिल के दौरे या स्ट्रोक के बाद लोग अवसाद महसूस कर सकते हैं, जो सामान्य है. 85 प्रतिशत मामलों में यह तीन महीनों में ठीक हो जाता है. अगर आप सीने में असहजता व बिना सांस फूले एक किलोमीटर सैर कर सकते हैं या दो बार सीढ़ियां चढ़ सकते हैं तो बिना दिल के खतरे के सामान्य यौन संबंध बना सकते हैं.
उन्होंने कहा कि 40 की उम्र के बाद मर्दाना कमजोरी कॉरनरी ब्लॉकेज का संकेत हो सकती है, क्योंकि लिंग और दिल को रक्त भेजने वाले चैनल एक ही होते हैं. वियाग्रा जैसी दवाई रक्त संचार बढ़ा देती हैं जिससे पुरुष की क्षमता बेहतर हो जाती है. लेकिन न्रिटेट ले रहे लोगों को यह नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे उच्च रक्तचाप बढ़ कर जानलेवा हो सकता है.
असंतुलित दिल के रोगियों, जिन्होंने कई सालों से यौन संबंध नहीं बनाया है, उन्हें मेडिकल निगरानी के बिना वियाग्रा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. साइलेंट कॉरनरी ब्लॉकेज वालों को असंतुलित व्यायाम से जानलेवा दिल का दौरा पड़ सकता है.
खुशखबरी! दिल के रोगियों को यौन संबंध से खतरा नहीं!
एजेंसी
Updated at:
27 Jul 2016 03:34 AM (IST)
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