नई दिल्लीः 120 साल के समर ओलंपिक के इतिहास में शुक्रवार का दिन भारत के लिए सबसे खास होने जा रहा है. ओलंपिक बैडमिंटन के इतिहास में पहली बार कोई भारतीय खिलाड़ी गोल्ड जीतने के इरादे से मैदान में उतरने वाला है.
पहली बार साइना नेहवाल ने भारत को बैडमिंटन में ब्रॉन्ज दिलाया था और बारी देश की टॉप की शटलर पी वी सिंधू की है जो इसे जीतने के लिए दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी कैरोलिना मारिन से भिड़ेंगी.
सिंधू पहले भी ये कारनामा कर चुकी हैं. पिछले सात मुकाबलों में सिंधू ने मारिन को 3 बार हराया है और उनको हराने के बाद हर बार सिंधू का खेल अगले स्तर तक पहुंचा. आज फाइनल में आमने सामने होने से पहले पिछले साल दोनों का आमना सामना दो बार हुआ था जिसमें मुकाबला एक-एक की बराबरी पर छूटा था.
पहली बार वर्ल्ड जुनियर चैंपियनशिप 2010 में सिंधू ने मारिन के खिलाफ जीत दर्ज की थी. आखिरी बार 2015 के डेनमार्क ओपन फाइनल में सिंधू ने मारिन को तीन सेट तक चले मुकाबले में 21-15,18-21,21-17 से हराया था.
देखिए कैसे मिली थी सिंधू को जीत -