Karan Johar Did Not Like Hanging Out With Aditya Chopra: करण जौहर (Karan Johar) और आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) करीबी दोस्त हैं. करण ने आदित्य के साथ ही अपने करियर की शुरुआत की थी. उनकी डायरेक्शनल डेब्यू फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में करण असिस्टेंट डायरेक्टर थे. करण इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में कैमियो के रोल में भी दिखे थे. मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि करण और आदित्य के बीच हमेशा ऐसा करीबी रिश्ता नहीं था. बचपन में करण को आदित्य के साथ बिल्कुल पसंद नहीं था. वह आदित्य के हमेशा हिंदी में बात करने से चिढ़ते थे.
आपको बता दें कि करण और आदित्य का पारिवारिक रिश्ता रहा है. आदित्य दिवंगत निर्देशक यश चोपड़ा के बेटे हैं. वहीं करण की मां हीरू जौहर, यश चोपड़ा की बहन हैं, जिन्होंने निर्माता यश जौहर से शादी की थी.
आदित्य चोपड़ा के हिंदी बोलने से रहते थे परेशान
अपनी किताब ‘एन अनसूटेबल ब्वॉय‘ में करण ने आदित्य का जिक्र किया है. किताब का एक अंश है, ‘’हां एक बच्चे के तौर पर मैं स्टार किड्स के बीच बड़ा हुआ. मैं ऋतिक, अभिषेक, श्वेता, जोया और फरहान को जानता था. मैं हमेशा लड़कियों (श्वेता और जोया) के करीब था. लड़के बहुत शातिर थे. खासकर अभिषेक और फरहान. मैं उनके साथ कभी उस तरह घुल मिल नहीं पाया. मैं उन्हें पसंद नहीं करता था. आदि (आदित्य चोपड़ा) और उनका गैंग हिंदी में बहुत कुछ बोलते रहते थे. यह कुछ ऐसा था जिसे मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता था.’’
मां हीरू जौहर से अक्सर करते थे इसकी शिकायत
किताब में करण (Karan Johar) आगे बताते हैं, ‘’मैं अपनी मां के पास जाता और उनसे कहता था, ‘मम्मी वो केवल हिंदी में बात करते हैं. मुझे उनके घर मत भेजो.' वह कहतीं, ‘तुम्हारा क्या मतलब है कि वो केवल हिंदी में बात करते हैं?’ मैंने कहा कि उनकी बातें बहुत फिल्मी होती हैं. जैसे वो कहते, ‘तूने क्रांति देखी है क्या, कितनी अच्छी फिल्म है.' मुझे हिंदी में लगातार बात करना डाउनमार्केट और अनकूल लगा. मैंने अपनी मां से कहा था कि मैं इन बच्चों से बात नहीं करूंगा.’’
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